धर्म-आस्था

विश्व का आाधार महेश्वर रूप शिवः ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य

लखनऊ: 7 अगस्त : चिन्मय मिशन लखनऊ द्वारा आयोजित ‘‘श्रीशिव महापुराण तात्विक कथा’’ के पंचम दिन ‘‘शतरूद्र संहिता’’ के अन्तर्गत ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य बताते हैं कि प्रयाग की भूमि पर शौनकादि ऋषियों को सूत जी शिव जी की अष्टमूर्ति का उपदेश करते हैं जहां पर सर्व, भव, रूद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव के स्वरूप का वर्णन किया है। इसी अष्टमूर्ति पर पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, क्षेत्रज्ञ, सूर्य और चन्द्रमा अधिष्ठित हैं। शिव का महेश्वर रूप ही चराचर विश्व को धारण किये हुए है। जैसे इस लोक में हम पुत्र पौत्रादि को देख कर प्रसन्न होते हैं उसी भांति विश्व को ऐसे देखकर शिव भी आनन्दित होते हैं। ऋषियों के कहने पर भगवान शिव ने मैथुनी सृष्टि के लिए अर्धनारीश्वर रूप धारण किया।

आज के प्रातःकालीन सत्र में भगवान सदाशिव के सर्व कल्याणकारी पार्थिव शिवलिंग का भव्य रूद्राभिषेक सम्पन्न हुआ जिसे विद्वान पण्डितों द्वारा वेद ऋचाओं, मन्त्रों के उच्चारण के मध्य सम्यक् विधि पूर्वक सम्पादित किया। इसके साथ ही भक्तों द्वारा अत्यन्त श्रद्धा, भक्ति और उल्लास, नृत्य के साथ भगवान के भजनों, कीर्तन और जाप भी किया गया। आज के कार्यक्रम में मुख्य आयोजक श्री सत्य कुमार श्रीवास्तव, श्रीमती संगीता श्रीवास्तव के साथ ही दिल्ली व लखनऊ के श्रद्धालू भक्तगण श्रीमती नीलम बजाज, डा0 आर. सी. त्रिपाठी, विनीत तिवारी, सुप्रतिम त्रिपाठी, रमाश्री अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

उपरोक्त आयोेजन कथा एवं दैनिक रूद्राभिषेक कार्यक्रम दिनांक 09 अगस्त 2022 तक चलेगा।

Editor In Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button