धर्म-आस्था

जानिए आज कब और कहां दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण !

साल 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण  आज 19 ​नवंबर को शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है. ये ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. आंशिक चंद्र ग्रहण का मतलब है कि चंद्रमा के कुछ ही भाग पर पृथ्वी की छाया पड़ेगी. इस चंद्र ग्रहण को 580 वर्षों में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण माना जा रहा है. ऐसे में सभी लोगों में इस बात की उत्सुकता है कि इस चंद्र ग्रहण का दीदार वो कर पाएंगे या नहीं.

एमपी बिड़ला तारामंडल के अनुसंधान और अकादमिक निदेशक देबीप्रसाद दुआरी के अनुसार, ये ग्रहण दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और शाम 4.17 बजे समाप्त होगा. दोपहर 2.34 बजे ये ग्रहण पीक पर होगा. इस दौरान चंद्रमा का करीब 97 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा.

इन स्थानों पर दिखेगा चंद्र ग्रहण

इस चंद्र ग्रहण को पूर्वी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर जैसे कुछ चुनिंदा हिस्सों से देखा जा सकेगा. भारत में ये ग्रहण पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा.

ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक रूप से कोई भी ग्रहण एक खगोलीय घटना है. दरअसल पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है. परिक्रमा करते समय एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी, सूर्य व चंद्रमा तीनों एक सीध में होते हैं. जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में होती है तो चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती और इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है. लेकिन जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है तो पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती, इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है. हालांकि धार्मिक रूप से ग्रहण को एक अशुभ घटना के तौर पर देखा जाता है.

तीन तरह का होता है चंद्र ग्रहण


1. आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse)

आंशिक ग्रहण वो होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी पूरी तरह न आकर केवल इसकी छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है. आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक मान्य नहीं होता.

2. पूर्ण चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse)

इस ग्रहण में पूरी तरह से चांद और सूरज के बीच पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी चांद को पूरी तरह से ढक लेती है. इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है. ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण में सूतक काल माना जाता है. इसमें ग्रहण लगने के समय से ठीक 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है.

3. उपच्छाया चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)

ग्रहण का एक प्रकार उपच्छाया भी होता है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण की बात करें तो इसमें चंद्रमा के आकार पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता है. इसमें चांद की रोशनी में हल्का सा धुंधलापन आ जाता है.

The Global Post

The Global Post Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 5 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button