स्वास्थ्य

प्रेगनेंसी के समय इन बातों का रखेंगी खयाल तो एकदम हेल्दी और इंटेलिजेंट होगा आपका बच्चा

गर्भावस्था हर महिला के लिए एक खूबसूरत अहसास होती है. महिला प्रेगनेंसी के दौरान ही बच्चे की तमाम गतिविधियों को महसूस करती है. ऐसे में उसका अपने बच्चे के साथ गर्भ में ही खूबसूरत रिश्ता जुड़ जाता है. हर महिला चाहती है कि उसका बच्चा हेल्दी और इंटेलीजेंट हो, जो भविष्य में उनका नाम रोशन करे.

हालांकि बच्चे के IQ के लिए जीन्स को जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन कुछ हद तक इस मामले में अन्य चीजों की भी भूमिका होती है. आइए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी के 9 महीनों में एक महिला को अपने बच्चे का खयाल कैसे रखना चाहिए, कि उसका बच्चा हेल्दी भी रहे और इंटेलीजेंट भी हो.

1. इस मामले में सबसे ज्यादा जरूरी है महिला का सही खानपान. यदि प्रेगनेंसी के दौरान मां हेल्दी डाइट नहीं लेगी तो बच्चे के शरीर और दिमाग, दोनों का विकास अवरुद्ध हो सकता है. इसलिए पौष्टिक आहार लें. साथ ही मस्तिष्क के सही विकास के लिए डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त चीजों को शामिल करें. मछली, सोयाबीन, बादाम, अखरोट और अलसी आदि को ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा सोर्स माना जाता है.

2. प्रेगनेंसी से पहले आप एक्सरसाइज बेशक न करती हों, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान जरूर करें क्योंकि इसका सीधा संबन्ध आपके बच्चे की इंटेलिजेंस से होता है. शोध बताते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान व्यायाम करने से हिप्पोकैम्पस में 40 फीसदी न्यूरॉन्स की बढ़ोतरी होती है. लेकिन विशेषज्ञ की सलाह से लाइट एक्सरसाइज ही करें.

3. योग करना मां और बच्चे दोनों के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन कोई भी योगासन करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. परामर्श के बाद आप पहले ट्राइमेस्टर, दूसरे ट्राइमेस्टर और आखिरी ट्राइमेस्टर के लिए अलग अलग योगासन का अभ्यास कर सकती हैं.

4. तमाम शोध बताते हैं कि सीखने की कला मां के गर्भ से ही शुरू हो जाती है. यही वजह है कि महाभारत काल में अभिमन्यु ने मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह को भेदना सीख लिया था. इसलिए प्रेगनेंसी के समय में मां को ऐसी दिमागी एक्टिविटीज करनी चाहिए, जिससे बच्चे का दिमाग भी तेज हो. साथ ही मां को अच्छी किताबें और कहानियां पढ़नी चाहिए. अगर लिखने का शौक है तो लिखें, गाने का शौक है तो गाना गाएं. इससे आपका मूड भी बेहतर होगा और बच्चे को भी सकारात्मक एनर्जी मिलेगी.

5. जितना हो सके स्ट्रेस से दूर रहें. तनाव का आपके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए ऐसी चीजें कीजिए जिनसे आपको खुशी मिले. भरपूर नींद लीजिए और आराम कीजिए.

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