स्मृति ईरानी पर भारी पड़ रही मेनका गांधी
- अमेठी की सांसद-विधायक से नाउम्मीद हो चुके अमेठी वालों को अब मेनका गांधी पर भरोसा
- अमेठी छोड़ सुलतानपुर आना चाहते हैं 22 गांवों के लोग, सुलतानपुर सांसद को सौंपा मांगपत्र
लखनऊ। अमेठी जिले को छोड़कर सुलतानपुर जिले में शामिल होने की अर्से से मांग कर रहे आसल क्षेत्र के लोगों को अब अपने जनप्रतिनिधियों पर भरोसा नही रहा। चुनाव दौरान किए गए वादों पर सांसद विधायक सब मौन हैं। हालांकि यहां की सांसद स्मृति ईरानी एवं विधायक रानी गरिमा सिंह से पहले के जनप्रतिनिधियों से भी सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा। अपनी मांग को लेकर संघर्षरत लोगों को अब सुलतानपुर की सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी से आस है।
गौरतलब है कि सुलतानपुर जिले का कभी हिस्सा रही अमेठी जब जिला बना तो विकास खण्ड भादर आसल परगना की 22 ग्राम पंचायतों को अमेठी जिले में शामिल कर दिया गया। गौरतलब है कि अयोध्या-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ये गांव अमेठी से दूर एवं सुलतानपुर से नजदीक हैं, इसीलिए यहां के लोग शुरू से ही पूर्ववर्ती सुलतानपुर जिले में शामिल होने की मांग कर रहे हैं।
अपनी मांग को लेकर गति ‘जिला परिवर्तन समिति आसल’ का एक प्रतिनिधिमंडल समिति के संयोजक प्रेम नारायण पाण्डेय के नेतृत्व में श्रीमती गांधी से सुलतानपुर में मिलकर इस आशय का ज्ञापन सौंपा, और बताया कि अमेठी की सांसद एवं विधायक द्वारा चुनावों में वादा करने और उसके बाद उससे मुकर जाने के कारण जिला परिवर्तन में उनसे मदद मांगने आए हैं। प्रतिनिधिमंडल में अन्य लोगो के अलावा वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार साहू एवं अधिवक्ता कुलदीप सिंह भी शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने अमेठी से सुलतानपुर आने की वजह भी श्रीमती गांधी को बताई। समिति सदस्यों का कहना था कि प्रयागराज-अयोध्या राष्ट्रीय मार्ग एवं प्रयागराज अयोध्या रेलमार्ग के आसपास स्थित 22 ग्राम पंचायतों की दूरी अमेठी के जिला मुख्यालय गौरीगंज से 45 से 65 कि0मी0 है, जबकि ये सभी ग्रामसभायें पूर्ववर्ती सुलतानपुर जिला मुख्यालय से मात्र 10 से 20 कि0मी0 की दूरी पर स्थित हैं।
अमेठी जिले के अन्तिम छोर के इन गांवों के लोग जिले के गठन के समय से ही अपनी इस गम्भीर समस्या को लेकर निरन्तर संघर्षरत हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में यूएनआई के स्टेट हेड अमेठी वासी वरिष्ठ पत्रकार अशोक साहू कहते हैं कि अमेठी की इन ग्राम पंचायतों को पूर्ववर्ती सुलतानपुर जिले से पुनः जोड़ने के लिए राजस्व विभाग/राजस्व परिषद से प्रस्ताव लेकर उ.प्र. कैबिनेट को मंजूरी देनी होगी ,जिसके बाद अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह ग्राम सुलतानपुर से जुड़ जायेंगे।इसमें शासन का कोई व्यय नही होगा, क्योंकि किसी नई तहसील या ब्लाक का निर्माण नही होना है। इन ग्रामों को शासन सुविधानुसार सुलतानपुर जिले की सदर या फिर लम्भुआ तहसील और दुबेपुर या भदैया ब्लाक से जोड़ सकता है।
मेनका गांधी ने जायज ठहराई मांग, समस्या हल का दिया भरोसा
लखनऊ। सुलतानपुर सांसद मेनका संजय गांधी अमेठी वालों की मांग को जायज ठहराया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह उनकी मांग को पूरा करवाने के लिए अपना सहयोग देंगी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के संज्ञान में इसे लाकर समस्या को हल करवाने की कोशिश करेंगी।