राष्ट्रपति ने अयोध्या से दिया सामाजिक समरसता का संदेश
अयोध्या। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने रविवार को अयोध्या में रामायण के प्रसंगों के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश देने का काम किया। अयोध्या में रामायण कान्क्लेव के उदघाटन अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रभु राम का सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण हम सबके लिए आज भी अनुकरणीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि रामायण में राम-भक्त शबरी का प्रसंग सामाजिक समरसता का अनुपम संदेश देता है। महान तपस्वी मतंग मुनि की शिष्या शबरी और प्रभु राम का मिलन, एक भेद-भाव-मुक्त समाज व प्रेम की दिव्यता का अद्भुत उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि अपने वनवास के दौरान प्रभु राम ने युद्ध करने के लिए अयोध्या और मिथिला से सेना नहीं मंगवाई। उन्होंने कोल-भील-वानर आदि को एकत्रित कर अपनी सेना का निर्माण किया। अपने अभियान में जटायु से लेकर गिलहरी तक को शामिल किया। आदिवासियों के साथ प्रेम और मैत्री को प्रगाढ़ बनाया। निषादराज के साथ प्रभु राम का गले मिलना और उन दोनों का मार्मिक संवाद, समरसता, सौहार्द और प्रेम की उत्कृष्टता का अनुभव कराता है। रामनाथ कोविद ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में प्रभु राम के आदर्शों को महात्मा गांधी ने आत्मसात किया था। वस्तुतः रामायण में वर्णित प्रभु राम का मर्यादा-पुरुषोत्तम रूप प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदर्श का स्रोत है।
रामकथा की लोकप्रियता विश्वव्यापी
भारत ही नहीं विश्व की अनेक लोक-भाषाओं और लोक-संस्कृतियों में रामायण और राम के प्रति सम्मान और प्रेम झलकता है। रामकथा का साहित्यिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव मानवता के बहुत बड़े भाग में देखा जाता है। विश्व के अनेक देशों में रामकथा की प्रस्तुति की जाती है। इन्डोनेशिया के बाली द्वीप की रामलीला विशेष रूप से प्रसिद्ध है। मालदीव, मारिशस, त्रिनिदाद व टोबेगो, नेपाल, कंबोडिया और सूरीनाम सहित अनेक देशों में प्रवासी भारतीयों ने रामकथा व रामलीला को जीवंत बनाए रखा है। रामकथा की लोकप्रियता भारत में ही नहीं बल्कि विश्वव्यापी है। उत्तर भारत में गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित-मानस, भारत के पूर्वी हिस्से में कृत्तिवास रामायण, दक्षिण में कंबन रामायण जैसे रामकथा के अनेक पठनीय रूप प्रचलित हैं।
अयोध्या की रामलीला मंचन पर डाक आवरण का राष्ट्रपति ने किया विमोचन
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोध्या शोध संस्थान द्वारा वैश्विक स्तर पर अयोध्या की पारम्परिक रामलीला का मंचन पर विशेष डाक आवरण विमोचन किया विमोचन। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने राष्ट्रपति को विशेष आवरण का प्रथम सेट भेंट किया। पोस्टमास्टर जनरल विवेक कुमार दक्ष, प्रवर अधीक्षक डाकघर आर एन यादव, मुख्य विपणन अधिकारी सत्येन्द्र प्रताप सिंह, अयोध्या शोध संस्थान निदेशक डॉ लवकुश द्विवेदी मौजूद रहे।