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योगी राज में मीट एक्सपोर्ट में उछाल, देश के कुल निर्यात में उत्तर प्रदेश का 72 फीसदी योगदान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में साल 2017 में भाजपा की सरकार बनते ही अवैध बूचड़खाने पर डंडा चला. अवैध बूचड़खाने बंद कराये गये. बावजूद इसके योगी सरकार (Yogi Government) में मीट कारोबार (Meat Business) ने रिकॉर्ड बनाया है. केंद्र सरकार की एक्सपोर्ट काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक डिब्बाबंद मांस के निर्यात में देश भर में यूपी अव्वल (UP Number 1) रहा है. गत वर्ष बफैलो मीट (Buffalo Meat) करीब 14 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया गया. वर्ष 2017-18 में देश से मांस के निर्यात (Meat Export) में करीब 50 फीसदी का योगदान उत्तर प्रदेश ने किया था. मौजूदा समय में मीट निर्यात (Meat Export) के कुल हिस्से का करीब 72 फीसदी योगदान अकेले यूपी कर रहा है.
मांस निर्यात में यूपी का 72 फीसदी हिस्सा
उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2019-20 में 1.57 करोड़ रुपये का प्रसंस्करित मांस एक्सपोर्ट किया था. दूसरे ही साल इसमें जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. साल 2020-21 में 8.19 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है. वहीं बफैलो मीट के निर्यात में एक साल के अंदर ही करीब एक हजार करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है. वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश ने 12 हजार 935.45 करोड़ रुपये का बफैलो मीट निर्यात किया था. साल 2020-21 में उत्तर प्रदेश से 13 हजार 830.82 करोड़ रुपये का बफैलो मीट निर्यात हुआ है. यह पिछले साल की तुलना में करीब सात फीसदी अधिक है. पशुधन विभाग के निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि देश से निर्यात होने वाले मांस में करीब 72 फ़ीसदी का योगदान अकेले उत्तर प्रदेश का है.
राज्य सरकार दे रही छूट
उत्तर प्रदेश में एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत प्रसंस्करित मांस की इकाइयों की स्थापना के लिए राज्य सरकार ऋण दे रही है. लोन चुकता करने में कुछ अलग से सुविधाएं दी गयी हैं. मसलन इकाई स्थापित करने के शुरुआती दो साल लोन की किश्त जमा करने में छूट है. मुर्गा, मछली और शूकर के डिब्बाबंद कच्चे मीट को भी फ्रीज कर प्रसंस्करण के माध्यम से पैक कर के बाजारों में पहुंचाने के लिए सरकार अनुदान दे रही है. ऐसी इकाइयों से प्रसंस्करित मांस निर्यात भी किया जा रहा है.
इन क्षेत्रों में भी यूपी से बढ़ा एक्सपोर्ट
उत्तर प्रदेश ने डेयरी प्रोडक्ट्स का भी एक्सपोर्ट करने में कदम आगे बढ़ाया है. वर्ष 2019-20 में जहां 171.24 करोड़ों रुपये का निर्यात हुआ था, वहीं 2020-21 में डेयरी प्रोडक्ट का 296.5 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है. एल्कोहलिक बेवरेजेस में भी उत्तर प्रदेश से एक्सपोर्ट करने में 36.43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2019-20 में 156.37 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हुआ. जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 213.32 करोड़ रुपये पहुंच गया. वहीं वर्ष 2019-20 की तुलना में 2021 में उत्तर प्रदेश में चावल, गेहूं और दाल के एक्सपोर्ट में भी इजाफा हुआ है.
निर्यात के मामले में देश में यूपी पांचवें पायदान पर
पूरे देश भर में एक्सपोर्ट करने में गुजरात पहले पायदान पर है. दूसरे पर महाराष्ट्र, तीसरे पर तमिलनाडु, चौथे पर आंध्रप्रदेश और पांचवें पायदान पर उत्तर प्रदेश है. निर्यात विभाग के डिप्टी डायरेक्टर उमेश चंद्र ने बताया कि वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश से 84 हजार करोड़ रुपये का कुल एक्सपोर्ट हुआ था. 2017-18 में 89 हजार करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हुआ. 2018-19 में यह आंकड़ा एक लाख 14 हजार करोड़ पर पहुंच गया. साल 2019-20 में एक लाख 20 हजार करोड़ और 2020-21 में एक लाख 21 हजार करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है.

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