उत्तर प्रदेशबड़ी खबरमुजफ्फरनगर

महापंचायत में बोले टिकैत- अब इनको वोट की चोट देनी होगी, 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने पंचायत में सहयोग करने वाले और मीडिया का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि 9 महीने से लाखों लोग दिल्ली को घेरे बैठे हैं. 22 जनवरी से सरकार से हमारी बातचीत बंद है. अब तक हमारे सैकडों किसान शहीद हो गए हैं लेकिन सरकार ने जवाब नहीं दिया. राकेश टिकैत ने आगे कहा कि देश की संपत्ति को बेचने वालों की पहचान करनी होगी, सिर्फ यूपी और उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में मीटिंग करनी होगी. टिकैत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि रेल, जहाज और हवाईअड्डे बेचे जाएंगे, ये बातें आपके घोषणा में नहीं थी.

‘भारत सरकार की पॉलिसी, भारत बिकाऊ है’

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि देश की संपत्ति को बेचने वालों की पहचान करनी होगी, सिर्फ यूपी और उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में मीटिंग करनी होगी. टिकैत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि रेल, जहाज और हवाईअड्डे बेचे जाएंगे, ये बातें आपके घोषणा में नहीं थी.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दूसरा धोखा प्राइवेट बिजली बेचना है, सड़क बेची जाएगी, हाईवे के 500 मीटर में कोई दूकान भी नहीं लगा सकता. LIC और बैंक बेच दिया, FCI के गोदाम अडानी को बेच दिए, देश के बंदरगाह और समुद्र तट भी बेच दिए. इससे नमक और मछली पालन करने वाले किसानों को नुक्सान हुआ है. इस सरकार में नदियां बेची जा रही है. भारत बिकाऊ है, ये भारत सरकार की पॉलिसी है.

क्या योगी सरकार कमजोर है?

किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र और बाबा भीम राव अंबेडकर का संविधान भी ख़तरे में है, खेती और किसानी भी बिकने के कगार पर आ गई है. आज हाईवे पर 10 साल पुराने ट्रेक्टर नहीं चला सकता. सरकार ने गन्ने के रेट बढ़ाने का वायदा किया था. पहली सरकार ने 80 और 50 रुपए बढ़ाए थे. क्या योगी सरकार उनसे कमजोर है ?

टिकैत ने आगे कहा कि क्या ये बाते करना राजनीति है. मैं आंदोलन फतह होने पर ही घर जाऊंगा. उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स की सैलरी टीचर्स की तरह बढ़ाई जानी चाहिए. सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर विधायक और सांसदों की सैलरी बढ़ाई जाती है. निजीकरण का विरोध करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि निजीकरण से बेरोजगारी बढ़ेगी.

फसलों के दाम नहीं, तो वोट नहीं

टिकैत ने कहा कि ठेका प्रथा से रोजगार जाएगा, रेहड़ी पटरी वाले बड़ी कंपनियों के आने से बेरोजगार होंगे. ये लड़ाई कृषि कानूनों और MSP की मांग से शुरू हुई थी. हमने सरकार के सामने रामपुर का डाटा रखा था. अगर पूर्ण रूप से फसलों के दाम नहीं मिलेंगे तो वोट भी नहीं मिलेगा. अब इनको वोट की चोट देनी होगी.

राकेश टिकैत ने कहा कि आप सबको 28 जनवरी तारीख की याद होनी चाहिए, उस दिन 148 किसानों के ऊपर हजारों पुलिस वाले थे. उस घटना के बाद पूरा हरियाणा और उत्तर प्रदेश सड़क पर था. हम बिना जीते वापस नहीं आएंगे, चाहे वहां हमारी कब्रें बन जाएं. इस तरह की सरकार बनती है तो दंगे होते हैं, महेंद्र टिकैत के समय में अल्लाह हूं अकबर और भगवान का नारा साथ लगता था.

तीन महीने बाद दोगुने दाम पर बेचेंगे फसलें

लाल किले पर हुई हिंसा का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हमें धोखे से वहां ले जाया गया, हम जाते तो पार्लियामेंट जाते. लेकिन कोई एजेंसी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा था कि कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी होगी तो तीन महीने बाद हम दोगुने दाम पर अपनी फसल बेचेंगे.

27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे हैं. ऐसे में पहले से ही महापंचायत में कोई बड़ा ऐलान होने के कायस लगाए जा रहे थे और ऐसा हुआ भी. किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया. इससे पहले मोर्चे ने 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button