प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं. इस दौरान उन्होंने काशीवासियों को कई सारी सौगात दी. सबसे बड़ा तोहफा रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर है, जो काशी को जापान के क्योटो की तर्ज पर विकसित करने में बेहद अहम साबित होने वाला है. वाराणसी में बना रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, भारत और जापान की मज़बूत दोस्ती का प्रमाण है.
मोदी ने कहा कि आज काशी में सैकड़ों करोड़ की अनेक विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है और अब वाराणसी इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का उद्घाटन हुआ है. कोरोनाकाल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही. काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का, इसी गतिशीलता का परिणाम है.
जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक- मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है, शिंजों आबे जी जब प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई थी. जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए. ये विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिए होना चाहिए, और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए.
मोदी ने कहा, बनारस के तो रोम रोम से गीत संगीत और कला झरती है. यहां गंगा के घाटों पर कितनी ही कलाएं विकसित हुई हैं, ज्ञान शिखर तक पहुंचा है और मानवता से जुड़े कितने गंभीर चिंतन हुये हैं. इसीलिए, बनारस गीत-संगीत का, धर्म-आध्यात्म का और ज्ञान-विज्ञान का एक बहुत बड़ा ग्लोबल सेंटर बन सकता है. उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 सालों में बनारस के हैंडीक्राफ्ट और शिल्प को मजबूत करने की दिशा में काफी काम हुआ है. इससे बनारसी सिल्क और बनारसी शिल्प को फिर से नई पहचान मिल रही है.