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संरक्षित खेती से होती है बंपर कमाई, होता है अधिक उत्पादन, बढ़ते हैं रोजगार के अवसर, पढ़ें पूरी डिटेल यहां

केंद्र और राज्य सरकार लगातार किसानों की इनकम को डबल करने के प्रयास में जुटी हुई है. इसके लेकर किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही हैं ताकि किसान इन योजनाओं का लाभ ले सकें. किसानों को आधुनिक तकनीक की खेती के साथ जोड़ा जा रहा है और उन्हें बदलते समय के साथ खेती के नये तरीके बताये जा रहे हैं. इन्हीं नये तरीकों में से एक है संरक्षित खेती.

क्या है संरक्षित खेती

उद्यान फसलों की संरक्षित खेती आधुनिक तकनीक करने पर अधिक लाभ मिल सकता है. इसमें नियंत्रित वातावरण में फसलों की खेती की जाती है. इसमें कीट अवरोधी नेट हाउस, ग्रीन हाउस, नवीनतम तकनीक से लैस पॉलीहाउस, प्लास्टिक लो-टनल, प्लास्टिक हाई-टनल, प्लास्टिक मल्चिग और ड्रिप सिचाई का इस्तेमाल होता है. इस तकनीक के तहत फसलों के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार करते हैं, जहां जलवायु परिवर्तन के चलते फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है. संरक्षित खेती के द्वारा किसान प्रतिकूल परिस्थितियों में बेहतर उत्पादन ले सकते हैं.

आधुनिक कृषि में संरक्षित संरचनाओं ने उच्च उत्पादकता के साथ अधिक उत्पादन के लिए अपनी अधिकतम क्षमता का प्रदर्शन किया है. इन नवीनतम तकनीक के अंगीकरण से फल, फूल और सब्जियों की उत्पादकता को वातावरण की तुलना में चार से पांच गुना बढ़ाया जा सकता है. इन तकनीकों के अंर्तगत फसलों की अच्छी उत्पादकता के साथ बेहतर गुणवत्ता भी प्राप्त होती है. प्रति इकाई क्षेत्रफल से अधिक आमदनी लेने के लिए ग्रामीण युवाओं द्वारा इन तकनीकों को अपनाया जा सकता है.

संरक्षित खेती के फायदे

  • संरक्षित खेती  में फसलों की सुरक्षा पर मुख्य फोकस होता है . इसमें फसल को नुकसान नहीं होता है.
  • इसमें उत्पादन दर बढ़ जाती है. सामान्य तौर खुले में खेती करने की तुलना में संरक्षित खेती में उत्पादन 5-10 गुणा बढ़ जाता है
  • संरक्षित खेती में उच्च गुणवत्ता वाले फसल प्राप्त होते हैं, जो आम तौर खुले वातावरण वाले पौधों से प्राप्त करना मुश्किल होता है.
  • संरक्षित खेती में लंबे समय तक सब्जियां उगायी जा सकती है. साथ ही प्रत्येक मौसम में सभी प्रकार की सब्जियां उगायी जाती हैं.
  • मौसमी फसल के उत्पादन से अधिक लाभ किसानों को होता है.
  • संरक्षित खेती करने के से प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग अच्छे तरीके से हो पाता है.
  • संरक्षित खेती में बेहतर तरीके से जैविक खेती की जा सकती है. क्योंकि इसमें बाहरी तत्व नहीं आते हैं.
  • सुरक्षित सब्जी उत्पादन करना संभव हो पाता है.
  • संरक्षित खेती में कम क्षेत्रफल में अधिक लाभ मिल जाता है जो खुले क्षेत्र में खेती करने से संभव नहीं हो पाता है.
  • संरक्षित खेती में रोजगार सृजन की अधिक संभावनाएं होती है. इसमें खुले में खेती के मुकाबले 5-6 गुणा अधिक रोजगार सृजन होता है.
  • अर्द्ध शहरी क्षेत्रों के लिए यह बेहद उपयोगी तकनीक है.
  • संरक्षित खेती विभिन्न प्रकार की जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए उपयोगी और कारगर साबित होती है.

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