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देश में कोरोना वायरस के 38,948 नए मामले, पिछले 24 घंटों में 43 हजार से ज्यादा लोग हुए ठीक

भारत में कोरोना संक्रमण के 38,948 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या अब 3,30,27,621 हो गई है. जबकि इस दौरान 219 मरीजों की मौत के बाद संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 4,40,752 पर पहुंच गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मरीज अब घटकर 4.04 लाख हो गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में देश भर में संक्रमण से 43,903 लोग ठीक भी हुए हैं, जिसके बाद कोरोना से अब तक ठीक होने वालों की संख्या 3,21,81,995 हो गई है. वहीं एक्टिव केस की संख्या फिलहाल 4,04,874 है, जो कुल मामलों का 1.23 प्रतिशत है. दैनिक पॉजिटिविटी रेट 2.76 प्रतिशत है, जो पिछले 7 दिनों से 3 प्रतिशत से कम है. जबकि विकली पॉजिटिविटी रेट 2.58 प्रतिशत है, जो 71 दिनों से 3 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है.

देश में रिकवरी रेट 97.44 प्रतिशत

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में रिकवरी रेट अब 97.44 प्रतिशत हो गया है. वहीं, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया कि भारत में रविवार को कोरोना वायरस के लिए 14,10,649 सैंपल टेस्ट किए गए, जिसके बाद देश में सैंपल टेस्टिंग का आंकड़ा अब 53,14,68,867 हो गया है. वहीं बता दें कि देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 38,948 नए मामलों और 219 मौतों में केरल से सामने आए 26,701 नए मामले और 74 मौतें भी शामिल हैं.

पिछले 24 घंटों में 25 लाख से ज्यादा का हुआ वैक्सीनेशन

मंत्रालय ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वैक्सीन की 25,23,089 डोज लगाई गई, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 68,75,41,762 हो गया है. सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 18-44 एज ग्रुप के 27,17,37,284 व्यक्तियों ने अपनी पहली डोज ले ली है और कुल 3,43,00,303 लोगों ने अपनी दूसरी डोज प्राप्त कर ली है.

इस बीच, ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में लोगों के वजन बढ़ने से उनमें टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ गया है. रिसर्च जर्नल ‘लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी’ में यह स्टडी प्रकाशित हुई है. रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (National Health Service) के मधुमेह रोकथाम कार्यक्रम में आने वाले 40 साल से कम उम्र के लोगों का वजन पहले आने वाले लोगों की तुलना में औसतन साढ़े तीन किलोग्राम बढ़ गया है.

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