खेती-किसानीदेशबड़ी खबर

फल और सब्जियों के उत्पादन में भारत नंबर-2 पर पहुंचा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया आगे का प्लान

संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा घोषित “फलों और सब्जियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष, 2021” मनाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के सहयोग से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस अवसर पर तोमर ने कहा कि फल-सब्जियां प्रकृति प्रदत्त उपहार है, जिनका उपभोग बढ़ाना स्वास्थ्य की दृष्टि से भी आवश्यक है. भारत के लिए यह गर्व की बात रही है कि हमने पिछले कुछ साल में बागवानी उत्पादन दोगुना कर लिया और कमी से बढ़त की ओर अग्रसर हो गए हैं. सर्वोत्तम पद्धतियां अपनाकर, उन्हें दुनिया के साथ साझा करके हम न केवल फल-सब्जी उत्पादन में सुधार कर रहे हैं बल्कि टिकाऊ और बेहतर भविष्य की मशाल भी थामे हुए हैं.

भारत बागवानी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बना

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि भारत बागवानी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जो वैश्विक फल-सब्जियों के उत्पादन का लगभग 12% उत्पादन करता है.विश्व स्तर पर लोकप्रिय विदेशी व महत्वपूर्ण स्वदेशी फल-फसलों को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वाणिज्यिक महत्व की 10 विदेशी (एक्सोटिक) फल-फसलों और उच्च पोषण एवं पौष्टिक गुणों वाली 10 महत्वपूर्ण स्वदेशी (इंडिजेनस) फल-फसलों की पहचान की है.

राज्य बागवानी विभागों को भी इन फसलों के लिए क्षेत्र विस्तार के संबंध में वर्ष 2021-22 के लिए लक्ष्य दिए गए हैं. चालू वर्ष के दौरान विदेशी फलों के लिए 8951 हेक्टेयर क्षेत्र व देशी फलों के लिए 7154 हेक्टेयर क्षेत्र को खेती के दायरे में लाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बागवानी फसलों की भौगोलिक विशेषज्ञता के आधार पर क्लस्टर विकास दृष्टिकोण आवश्यक है, जिसका कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है.सरकार ने गांवों में, खेतों के पास ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, सभी आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्मों, भंडारगृहों, साइलों, पैक हाउसों, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयों, पैकिंग इकाइयों, कोल्ड चैन, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों तथा संबंधित लॉजिस्टिक्‍स सुविधाओं के लिए एकत्रीकरण स्‍थानों के वित्तपोषण हेतु एक लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रा फंड शुरू किया है.

तोमर ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी में हमारी सक्रिय भूमिका ने हमें फसल-कटाई उपरांत अवसंरचना में सुधार करने में मदद की है क्योंकि हम बागवानी में नए उभरते प्लेयर्स और कृषि स्टार्टअप्स के साथ काम करते रहे हैं, जो भारतीय कृषि परिदृश्य का उज्जवल भविष्य हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ‘’21वीं सदी के भारत को कृषि उत्पादन में वृद्धि के बीच फसल-कटाई उपरांत या खाद्य प्रसंस्करण क्रांति और मूल्यवर्धन की आवश्यकता है. आज हमें कृषि के हर क्षेत्र, हर भोजन, हर सब्जी, फल, मत्स्य पालन और सभी में प्रसंस्करण पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा. किसानों को अपने गांव के पास आधुनिक भंडारण सुविधाएं मिलनी चाहिए’’.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि साझेदारियां, चाहे स्टार्टअप्स, वैल्यू चेन लीडरों, किसानों या अनुसंधान संस्थानों के साथ हों, प्रधानमंत्री जी द्वारा बीते कुछ साल में गैप्स भरने के सिलसिले से मील का पत्थर जैसी हो रही है.

गरीब से गरीब व्यक्ति की प्लेट में फल व सब्जियों को लाने की तैयारी

तोमर ने आशा जताई कि हम गरीब से गरीब व्यक्ति तक की प्लेट में फल व सब्जियों को, खास भोजन नहीं अपितु दैनिक जरूरत के रूप में पहुंचाने के अपने लक्ष्य को निश्चित ही प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने वर्ष 2021 को अंतर्राष्ट्रीय फल एवं सब्जियों का वर्ष घोषित करने के लिए यूएनओ व एफएओ के प्रति आभार व्यक्त किया.

किसानों की आमदनी डबल करने पर सरकार का फोकस

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि बागवानी भारतीय कृषि का विकास इंजन बन गया है. फलों और सब्जियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष, हमारे दैनिक जीवन में फलों और सब्जियों के महत्व के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक प्रयास है. इस आयोजन का लक्ष्य न केवल स्वदेशी पर ध्यान केंद्रित करना है, बल्कि इसे वैश्विक बनाना भी है. इसे प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है.

भारत में एफएओ के प्रतिनिधि टोमियो शिचिरी ने भी संबोधित किया. अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ गर्थ एटकिंसन ने “बागवानी आपूर्ति श्रृंखला में वैश्विक बदलाव” पर प्रस्तुति दी. बागवानी आयुक्त डॉ. एस के मल्होत्रा ने एक थीम की प्रस्तुति दी. संयुक्त सचिव (एमआईडीएच)राजबीर सिंह ने कार्यक्रम विवरण प्रस्तुत किया और संचालन किया. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा. ए.के. सिंह भी मौजूद थे.

सम्मेलन में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा इज़राइल व नीदरलैंड के दूतावास, ग्रीन इनोवेशन सेंटर, जीआईजेड के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, नारियल विकास बोर्ड, आईसीएआर के संस्थानों व देश के अग्रणी उत्पादकों, प्रोसेसरों, किसानों सहित सभी राज्य बागवानी मिशनों के अधिकारी भी शामिल हुए. इस अवसर पर बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम व क्यूआर कोड के दिशा-निर्देशों का विमोचन किया गया.

The Global Post

The Global Post Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 5 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button