Google ने अफगान सरकार के ईमेल अकाउंट्स को किया बंद, कंपनी को डर- पूर्व अधिकारियों का डाटा चुरा सकता है तालिबान
गूगल ने अफगान सरकार के ईमेल अकाउंट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. इस मामले से परिचित एक व्यक्ति ने इसकी जानकारी दी. हालांकि, इन ईमेल अकाउंट्स की संख्या कितनी है, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है. बताया गया है कि गूगल द्वारा ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि अफगानिस्तान के पूर्व अधिकारियों और उनके सहयोगियों द्वारा बड़ी संख्या में डिजिटल जानकारी पीछे छोड़ी गई है, जिसके तालिबान के हाथों में जाने का डर है.
अफगानिस्तान में अमेरिकी समर्थन वाली सरकार के गिरने और फिर तालिबान के कब्जे के बाद एक बड़ा डर पैदा हो गया था. दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में इस बात का डर जाहिर किया गया कि तालिबान बायोमेट्रिक डाटा और अफगान पेयरॉल डाटाबेस के जरिए उन लोगों की जानकारी हासिल कर सकता है, जिन्होंने सरकार के लिए काम किया. इसके बाद तालिबानी लड़ाके उन्हें ढूंढकर मौत के घाट भी उतार सकते हैं. गौरतलब है कि तालिबान के कब्जे के बाद से देशभर से इस बात की रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि तालिबान उन लोगों को पकड़कर मौत के घाट उतार रहा है, जिन्होंने सरकार या अमेरिकी बलों के लिए काम किया.
गूगल ने ईमेल अकाउंट्स को बंद करने को लेकर क्या कहा?
वहीं, शुक्रवार को गूगल ने कहा कि वह ईमेल अकाउंट्स को सुरक्षित करने के लिए अस्थायी कार्रवाई कर रहा है, लेकिन कंपनी ने ईमेल अकाउंट्स को पूरी तरह से बंद करने की बात को स्वीकार नहीं किया. गूगल के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, विशेषज्ञों की सलाह से हम अफगानिस्तान की स्थिति का लगातार आकलन कर रहे हैं. हम ईमेल अकाउंट्स को सुरक्षित करने के लिए अस्थायी कार्रवाई कर रहे हैं, क्योंकि लगातार युद्धग्रस्त मुल्क से जानकारी आ रही है. पूर्व सरकार के एक कर्मचारी ने रॉयटर्स को बताया है कि तालिबान पूर्व अधिकारियों के ईमेल हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
सरकारी निकायों ने भी किया है गूगल का इस्तेमाल
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मेल एक्सचेंजर रिकॉर्ड से पता चलता है कि कुछ दो दर्जन अफगान सरकारी निकायों ने आधिकारिक ईमेल के लिए गूगल के सर्वर का इस्तेमाल किया है. इसमें वित्त, उद्योग, हायर एजुकेशन और खान मंत्रालय शामिल है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने भी गूगल का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा कुछ स्थानीय सरकारी निकायों ने भी गूगल सर्वर का प्रयोग किया है. सरकारी डेटाबेस और ईमेल की जानकारी पूर्व प्रशासन के कर्मचारियों, पूर्व मंत्रियों, सरकारी ठेकेदारों, आदिवासी सहयोगियों और विदेशी भागीदारों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती है.