जम्मू के वायुसेना के एयरस्टेशन पर हाल में ड्रोन से किए गए हमले को लेकर आर्मी चीफ जनरल एम.एम नरवणे ने कहा कि ड्रोन के आसानी से उलब्ध होने की वजह से जटिल चुनौतियां बढ़ी है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसको लेकर कुछ कदम उठाए गए हैं और सभी जवानों को इस पैदा होते खतरों से अवगत कराया गया है. एक विचार समूह (थिंक टैंक) में दिए गए संबोधन में जनरल नरवणे ने कहा कि सुरक्षा प्रतिष्ठान चुनौतियों से अवगत हैं और इनसे निपटने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं.
ड्रोन अटैक से निपटना चुनौती
आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने ड्रोन हमले को लेकर गुरूवार को कहा- “हम उस खतरे से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं, चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हो या खुद देशों ने पैदा किए हो. ड्रोन के आसानी से उपलब्ध होने से निश्चित तौर पर जटिलता और चुनौतियां बढ़ी हैं हम गतिज और गैर गतिज क्षेत्र दोनों में ड्रोन खतरे से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रहे हैं. ”
सीमा पर घुसपैठ में कमी
सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ में आई कमी का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के बाद नियंत्रण रेखा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई. उन्होंने कहा कि घुसपैठ न होने से कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम है.
आर्मी चीफ ने जम्मू कश्मीर को लेकर कहा कि ऐसे तत्व हमेशा रहेंगे जो शांति एवं विकास की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करेंगे, हमें इसका ध्यान रखना है. उन्होंने कहा कि हमारा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी और घुसपैठ रोधी मजबूत तंत्र है, शांति, सामंजस्य सुनिश्चित करने का हमारा अभियान जारी रहेगा.