पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कांग्रेस (Congress) को फिर झटका लगा है. बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे दिवंगत सोमेन मित्रा (Somen Mitra) की पत्नी शिखा मित्रा (Sikha Mitra) और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की साली शुभ्रा घोष सहित अन्य तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल हो गए. तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय तपसिया में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वे टीएमसी में शामिल हुए. बता दें कि इसके पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी भी कांग्रेस छोड़कर टीएमसी का दामन थाम चुके हैं. अब उनकी साली भी टीएमसी में शामिल हो गईं. वह लंबे समय से कांग्रेस में थीं.
तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के अवसर पर टीएमसी की सांसद माला रॉय और टीएमसी विधायक नयना बंद्योपाध्याय की उपस्थिति में सभी ने टीएमसी की सदस्यता ली. टीएमसी नेताओं ने इन सभी को स्वागत किया और टीएमसी में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया. टीएमसी के नेताओं ने अन्य पार्टी के लोगों को टीएमसी में शामिल होने का आह्वान किया.
ममता बनर्जी बनेंगी भारत की नेता
इस अवसर पर शिखा मित्रा ने कहा कि वह तो टीएमसी में ही थी और उन्होंने टीएमसी कभी छोड़ा नहीं था. काम करने के समय विरोध होता ही है. विरोध के कारण कुछ दिन पार्टी से दूर थीं. ममता बनर्जी जिस दिन फोन पर मेरे पति के बारे में जानकारी ली थी. उस समय बहुत ही खुशी हुई थी. टीएमसी आज जिस जगह पर है. इसके पीछे एक ही व्यक्ति है. वह दिन-रात और पूरा जीवन देकर लोगों की सेवा कर रही हैं. बता दें गत 17 अगस्त को सोमेन की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिखा मित्रा को फोन किया था. ममता बनर्जी के अलावा माला रॉय और चौरंगी से तृणमूल विधायक नयना बंद्योपाध्याय ने भी शिखा को फोन किया था. मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर कुणाल घोष भी शिखा के घर गए थे. तभी से शिखा मित्रा के तृणमूल कांग्रेस में लौटने के कयास लगने लगे थे. शिखा मित्रा ने कहा कि ममता बनर्जी भारत वर्ष की नेत्री बनेंगी.
बीजेपी एक सांप्रदायिक पार्टी है, 2024 में ममता करेंगी नेतृत्व
शिखा मित्रा ने कहा कि बीजेपी एक सांप्रदायिक पार्टी है. बीजेपी के रहने पर देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की साली शुभ्रा घोष ने कहा कि ममता दीदी को हराने के लिए कई तरह की योजनाएं बनी थी और यह ईष्या के कारण हुआ है. वर्ष 2024 में उन्हें देश के नेता के रूप में देखना चाहते हैं. बंगाल में महिलाएं सुरक्षित हैं. सूत्रों के मुताबिक बंग जननी में सांगठनिक पद के अलावा शिखा मित्रा को किसी सरकारी समिति में भी जगह दी जाएगी. शिखा मित्रा की बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के साथ उनकी दूसरी पारी है. साल 2008 में वह पति सोमेन मित्रा के साथ तृणमूल में शामिल हुई थीं. शिखा मित्रा ने सियालदह विधानसभा सीट से उपचुनाव भी जीता था. साल 2011 में परिसीमन के बाद शिखा मित्रा चौरंगी सीट तृणमूल कांग्रेस के टिकट से खड़ी हुईं और फिर विधायक बनीं. सोमेन मित्रा ने जनवरी, 2014 में तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी और कांग्रेस में लौट आए थे. इससे पहले ही शिखा मित्रा ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह उनलोगों का व्यक्तिगत निर्णय है. इस संबंध में वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.