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नए कृषि कानूनों को खिलाफ जंतर-मंतर से लेकर संसद तक प्रदर्शन, बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात

संसद के मानसूत्र के दौरान केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. इसके मद्देनजर मध्य दिल्ली में जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. जंतर-मंतर, संसद भवन से कुछ मीटर की दूरी पर ही है. दूसरी तरफ राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रदर्शन किया है.
सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे 200 किसान
जंतर मंतर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचा है. इस साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है, जब अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को शहर में प्रवेश की अनुमति दी है.
राहुल की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों का प्रदर्शन
कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. संसद भवन में परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष आयोजित इस प्रदर्शन में कांग्रेस के दोनों सदनों के कई सदस्यों ने हिस्सा लिया.
राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, रवनीत बिट्टू, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और कई अन्य सांसद इस धरने में शामिल हुए. कांग्रेस सांसदों ने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री न्याय करो’ के नारे लगाए.
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने कहा है, ‘कृषि कानूनों के वापस लेने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है. नरेंद्र सिंह तोमर बयान देते हैं कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बस वे तीन कानूनों को वापस लेने की बात न करें. तो फिर और क्या बात करें? सरकार ने क्या कहा है?’’
विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार ने क्या कहा?
विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘’मुद्दों, तथ्यों और तर्कों को लेकर किसी भी आंदोलन का स्वागत है, लेकिन किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर किस मुद्दे पर कुछ लोग आंदोलन करना दिखा रहे हैं. सरकार ने कहा कि आप आईये जो मुद्दे आपके पास हैं, उन पर बात करिए, मुद्दे हैं नहीं.’’
बेनतीजा रही कई दौर की वार्ता
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है.

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