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किसान नेताओं की प्रशासन से वार्ता जारी, सचिवालय के आगे बैरिकेड पर पैरामिलिट्री ने 5 मिनट रोका तो हुआ हंगामा

किसानों पर 28 अगस्त को हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ करनाल में आज किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat Karnal) हो रही है. महापंचायत से एक दिन पहले ही प्रशासन ने जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया और धारा 144 लागू कर दी है.

उधर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कोई किसान उपद्रव ना करें. पुलिस की ओर से सभी नाके हटाए जा रहे हैं, कहीं भी किसी को रोका नहीं जाएगा. किसान शांतिपूर्वक तरीके से करनाल की अनाज मंडी में पहुंचे. किसी ने भी उपद्रव नहीं करना है और रास्ते में पुलिस रोके तो मानवता का परिचय देना है. हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक रहेगा. अगर किसी ने कोई गड़बड़ की तो आंदोलन टूट जाएगा. पुलिस का मैसेज आया है कि सभी बैरिकेट हटाए जा रहे हैं. किसी को रोका नहीं जा रहा है.

बता दें कि हरियाणा के करनाल में आज होने वाली किसान महापंचायत को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. राज्य सरकार ने 5 ज़िलों में इंटरनेट, मोबाइल और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं. किसान महापंचायत से पहले करनाल में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.

क़ानून व्यवस्था बनी रहे, किसानों से बात करेगी पुलिस

एसपी करनाल गंगा राम पुनिया ने बताया कि, महापंचायत को देखते हुए ज़िला प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख़्ता बंदोबस्त किए गए हैं. पुलिस की 40 कंपनियां अनाज़ मंडी और आस-पास के क्षेत्र में तैनात की हैं. एसपी पुनिया ने कहा कि, पुलिस इसलिए तैनात की गई है कि क़ानून व्यवस्था बनी रहे और कोई भी गैरक़ानूनी गतिविधि न हो. किसान महापंचायत के दौरान हम बातचीत भी करेंगे और चाहेंगे कि मामले का बातचीत से हल निकले.

पुलिस की चेतावनी, किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी

करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की कुल 40 कंपनियां तैनात की गई हैं. पुनिया ने कहा कि पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल के साथ, पुलिस अधीक्षक रैंक के पांच के अधिकारी और 25 डीएसपी रैंक के अधिकारी यहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत कैमरों से लैस ड्रोन भी तैनात किए जाएंगे.

करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कृषि कानूनों का विरोध करने वाले विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी थी.

” विपक्षी दल किसानों के कंधे का इस्तेमाल करना चाहते हैं”

किसान महापंचायत को लेकर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि, मामला राजनीतिक हो चुका है. अब वे (किसान) उत्तर प्रदेश और पंजाब में ही रैलियां करेंगे. हरियाणा में चुनाव नहीं हैं इसलिए वहां कम रैलियां होंगी. रैलियों में संसाधन दूसरी पार्टियां दे रही हैं. विपक्षी दल किसानों के कंधे का इस्तेमाल करना चाहते हैं.संजीव बालियान ने कहा कि, हम भी चाहते हैं किसानों से बातचीत शुरू हो और किसानों के वास्तविक मुद्दों पर सरकार के सामने चर्चा हो. कानून वापस लेने की बजाय जो संशोधन वे चाहते हैं, वो करवाना चाहिए. किसान 9 महीने से दिल्ली है. किसान यहां से कुछ न कुछ लेकर जाए, खाली हाथ न जाए.

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