‘सुनो किसान हम हैं’कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री ने भाग लिया।
लखनऊ: 22 अगस्त, 2022: जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने किसानों से अपील किया है कि जमीन को उपजाऊ बनाने, अच्छी फसल एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए पानी बचाने का हर सम्भव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मिट्टी को समय से पानी मिलने पर वह सोना उगलती है। इस प्रकार किसानों को, उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलने के साथ ही गांव में खुशहाली आयेगी। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण जरूरी है। इसके साथ ही फसलों के लिए भरपूर सिंचाई की सुविधा भी देनी है। सिंचाई एवं जल संरक्षण में बेहतर समन्वय बनाते हुए पानी बचायें। इसके साथ ही गांवों को हर सम्भव एवं साफ-सुथरा बनाने का प्रयास करें।
जलशक्ति मंत्री आज डा0 राम मनोहर लोहिया परिकल्प भवन, तेलीबाग, लखनऊ में सभागार में ‘‘सुनो किसान हम हैं’’ विषयक कार्यक्रम में किसान भाइयों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्य अतिथि की हैसियत से किसान भाइयों से कहा कि किसान फसलों के लिए सिंचाई विभाग पर्याप्त पानी देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि किसान तथा जल संरक्षण जुड़े वैज्ञानिक बेहतर उत्पादन तथा जल संरक्षण पर शोध करें। इसके साथ ही उपलब्ध संसाधनों के आधार पर किसानों को समृद्ध बनायें। किसानों की खुशहाली से ही देश प्रगति करेगा। किसानों को मजबूती दिए बिना किसान अधूरा है। इस दृष्टिकोंण को अपनाते हुए कृषि सेक्टर को और उपयोगी तथा लाभकारी बनाये जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विज़न है कि किसानों की आय दोगुनी की जाए तथा उनकी लागत का सही मूल्य मिल सके। इसके लिए प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की बेहतरी के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की हैं। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में वैज्ञानिक के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने किसानों को पांच मंत्र देते हुए कहा कि घर पहुंचकर माता-पिता की सेवा करें। पत्नी व बहन के साथ अच्छा व्यवहार रखें एवं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाएं।
उन्होंने प्रगतिशील किसानों में मलिहाबाद के उमाकांत गुप्ता, सीतापुर के कमलेश सिंह, बाराबंकी कि उपेंद्र कुमार वर्मा, बहराइच के गुलाम मोहम्मद, बहराइच के सतीश कुमार वर्मा, बाराबंकी कि नीलम, कैसरगंज के संदीप सिंह, सीतापुर कि सुनीता वर्मा को सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं एमिटी विश्वविद्यालय के अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।