देश

किसान आंदोलन के कारण सड़कें जाम होने पर केंद्र सरकार से बोला सुप्रीम कोर्ट- ‘समस्‍या का हल निकालिए’

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब 9 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के कारण बंद सड़क को खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को कोई हल निकालना होगा. कोर्ट नोएडा की रहने वाली एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निर्देश देने की मांग थी कि नोएडा और दिल्ली के बीच सड़क को खाली करवाया जाए. इसके जवाब में उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था.

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने राज्य द्वारा दाखिल शपथ पत्र देखा है, आप समाधान क्यों नहीं कर सकते. कोर्ट ने यह भी कहा कि किसानों के पास विरोध करने का अधिकार है, लेकिन रास्तों को बाधित नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की अनुपलब्धता के कारण आज मामले की सुनवाई टल गई. मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि सरकार अदालत के आदेशों के तहत सड़कों को जाम करने पर किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है. यूपी सरकार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों में अधिकतर बड़ी उम्र के और वृद्ध किसान हैं. राज्य सरकार ने हलफनामे में कहा कि गाजियाबाद (यूपी) और दिल्ली के बीच महाराजपुर और हिंडन सड़कों के माध्यम से यातायात की सुचारू आवाजाही की अनुमति देने के लिए डायवर्सन बनाया गया है. हलफनामे में कहा गया कि एनएच 24 अब भी अवरुद्ध है.

याचिका में जाम की समस्या को बताई गई वजह

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में नोएडा और दिल्ली के बीच सड़क पर आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए नोएडा की रहने वाली मोनिका अग्रवाल ने रिट याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया था कि नोएडा से दिल्ली तक आने में सड़क जाम की वजह से 20 मिनट के बजाए दो घंटे का समय लग जाता है. किसान अपनी दो मुख्य मांगों- तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी बनाने की मांग के साथ पिछले 9 महीनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) कर रही है. संयुक्त किसान मोर्चा में किसानों के 40 संगठन शामिल हैं. किसानों संगठनों और सरकार के बीच पिछले साल अक्टूबर से लेकर जनवरी 2021 के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन ये बैठकें समस्या को सुलझाने में नाकाम रहीं. सरकार और किसान नेताओं के बीच आखिरी बार 22 जनवरी को बातचीत हुई थी.

The Global Post

The Global Post Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 5 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button