लखनऊ

एसजीपीजीआई में शैक्षणिक सत्र 2022 का उद्घाटन

लखनऊ: 18 जुलाई 2022 संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार आज श्रुति ऑडिटोरियम में पीएचडी / डीएम / एम.सीएच / एमडी / पीडीएफ / पीडीसीसी व मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के तहत चल रहे शैक्षणिक पाठ्यक्रम के सत्र 2022 का उद्घाटन किया।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर बलराम भार्गव, महानिदेशक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और सचिव डीएचआर शामिल थे। प्रोफेसर बलराम भार्गव एक उत्कृष्ट हृदय रोग विशेषज्ञ हैं, जो जैव चिकित्सा नवाचार, सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा अनुसंधान में अग्रणी नेताओं में से एक हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और विद्या की देवी मां सरस्वती के आशीर्वाद से हुई। निदेशक, एसजीपीजीआई, प्रोफेसर आर. के. धीमान ने विशिष्ट अतिथि का परिचय दिया और इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस गतिविधि का उद्देश्य बिरादरी के बीच परस्पर जुड़ाव विकसित करना है। उन्होंने पिन-अप समारोह के उद्देश्य और महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह समारोह संस्थान को गर्व और अपनत्व की गहरी भावना प्रदान करेगा।
उन्होंने प्रो. भार्गव द्वारा प्राप्त उपलब्धियों और पुरस्कारों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रतिष्ठित पद्मश्री सहित कुछ महत्वपूर्ण पुरस्कारों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने टाइम्स पत्रिका के कवर पेज का भी हवाला दिया, जिसमें प्रो. भार्गव को ‘मैन ऑफ द वीक’ के रूप में उजागर किया गया था।
संस्थान की शैक्षणिक रिपोर्ट प्रोफेसर राजकुमार, डीन, एस. जी. पी. जी. आई द्वारा प्रस्तुत की गई। उन्होंने पिछले 32 वर्षों में हुई संस्थान की प्रगति का सारांश दिया। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिस्ट सेवाओं के लिए एशिया में हमारा छठे स्थान है।
इन 32 वर्षों में 250 संकाय सदस्यों के साथ 34 शैक्षणिक विभाग कार्य कर रहे हैं। विभिन्न मेडिकल और पैरामेडिकल कोर्स भी शुरू किए गए हैं। कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी और कॉलेज ऑफ नर्सिंग हमारे नवीनतम परिवर्धन हैं। आणविक इमेजिंग में एमएससी सहित कई उन्नत पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। हमारा एपेक्स ट्रॉमा सेंटर और अस्पताल प्रशासन नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “अनुसंधान के मोर्चे पर, इन 32 वर्षों में अच्छे उद्धरणों के साथ 6000 से अधिक प्रकाशन प्रकाशित हुए हैं जो एक उत्कृष्ट उपलब्धि है।”

इसके बाद विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के तहत संस्थान में शामिल होने वाले 305 छात्रों का “पिन-अप समारोह” हुआ।
डाक्टर शालिनी सिंह, उप डीन (छात्र मामले एवं प्रशिक्षण) ने नवनियुक्त छात्रों के पिन अप समारोह का संचालन किया।
मुख्य भाषण प्रोफेसर बलराम भार्गव द्वारा दिया गया था, जो रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए बहुत प्रेरणादायक और प्रेरक था। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह आपकी कर्मभूमि है, और आप यहां अपने पलों को संजोएंगे। आने वाले वर्षों में हमें मेडिकल रिसर्च और मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने का प्रयास करना चाहिए।”
इसके बाद उन्होंने चिकित्सा पद्धति में नैतिकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एक कला है, व्यवसाय नहीं। उन्होंने चिकित्सा के आनंद और चिकित्सा व्यावसायिकता का सही अर्थ समझाया। उन्होंने एक चिकित्सक की विशेषताओं और व्यावसायिकता के तत्वों पर विस्तार से बताया।
उन्होंने चिकित्सा पद्धति में नैतिकता की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्होंने रोगी-चिकित्सक संबंधों, सूचित सहमति, गोपनीयता और आपातकालीन चिकित्सा में मुद्दों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।
सम्मान के प्रतीक के रूप में निदेशक प्रो. धीमान द्वारा मुख्य अतिथि को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण बाजपेयी, कार्यकारी रजिस्ट्रार, एसजीपीजीआई ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम का समापन जलपान के साथ हुआ।

Editor In Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button