लखीमपुर खीरी बवाल: अलर्ट के बावजूद पर्याप्त फोर्स की नहीं हुई तैनाती, अधिकारियों के मोबाइल नेटवर्क कवरेज से रहे बाहर
लखीमपुर खीरी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे के मद्देनजर किसानों ने विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई थी, जिसकी जानकारी पुलिस प्रशासन व एलआईयू को भी थी। इसके बावजूद पुलिस और एलआईयू तंत्र मिलकर किसानों के बवाल को रोकने में नाकाम रहा। पर्याप्त पुलिस फोर्स की तैनाती नहीं की गई, जिसका नतीजा यह रहा कि किसानों का प्रदर्शन हिंसक बवाल में तब्दील हो गया। जान-माल का नुकसान होने से जिला व पुलिस प्रशासन की भारी किरकिरी हुई है।
रविवार को सुबह उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे में आंशिक परिवर्तन भी हुआ, जिससे वह हेलीकॉप्टर के बजाय सड़क के रास्ते कार से लखीमपुर पहुंचे। डिप्टी सीएम वंदन गार्डेन में कार्यक्रम में शामिल हुए तो उधर तिकुनिया में किसान काले झंडे लेकर प्रदर्शन के लिए तैयार थे। दोपहर बाद करीब दो बजे डिप्टी सीएम व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का काफिला तिकुनिया के लिए रवाना हुआ, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही तिकुनिया में बवाल शुरू हो गया।
लाठी चलने से पत्रकार भी घायल
गाड़ी से किसानों के टकराने के बाद उग्र हुए प्रदर्शनकारियों ने दो गाड़ियों को फूंक दिया। इस दौरान समाचार कवरेज में लगे पत्रकारों पर भी किसानों ने लाठियां चलाईं, जिससे कई पत्रकार भी घायल हो गए। वहीं पुलिस उपद्रवियों के आगे मूकदर्शक बनी रही। पुलिस-प्रशासन ने उपद्रवियों के आगे अपने हथियार डाल दिए और एक किनारे खड़े होकर तमाशबीन बन गए। इससे बवाल थमने के बजाय बढ़ता ही रहा। पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर नहीं मिले और किसी के नंबर पर घंटी बजी भी तो फोन रिसीव नहीं किया गया। अधिकारियों के मोबाइल नंबर कवरेज क्षेत्र से बाहर बताते रहे।
पहले ही जताई थी बवाल की आशंका फिर भी नहीं चेते जिम्मेदार
तिकुनिया में सुबह से ही प्रदर्शनकारी किसान जुटने लगे थे, जिनके हाथ में काले व हरे झंडे थे। हेलीपैड को चारों तरफ से घेर रखा था और डिप्टी सीएम के कार्यक्रम स्थल तक जाने वाले रास्ते पर भी प्रदर्शनकारी खड़े थे। सूत्र बताते हैं कि एलआईयू ने भी बवाल होने की आशंका जताते हुए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी थी, लेकिन अधिकारियों ने उसे हल्के में लिया।