आखिर शासन के आदेश के आगे डीएम हरदोई को एक ही स्थान पर 35 वर्षो से कार्यरत कानूनगो को हटाना ही पड़ा
नरेश दीक्षित
हरदोई जनपद की विलग्राम तहसील में राजेश कुमार नाम का लेखपाल जो वर्तमान में प्रोन्नति पाकर कानून गो के पद पर कार्यरत था लेखपाल की सर्विस से लेकर कानून गो, तक एक ही सर्किल मल्लावां में विगत 35 वर्षो तक शासन एवं राजस्व परिषद के सभी नियमों कानूनो को धता बताकर, तथा जिस दल की सरकार हुई उसी दल के विधायक को अपना खास बताकर काय॔रत रहा। और यह मल्लावां सर्किल के ही गांव गंज जलालाबाद का निवासी था लेकिन अपनी सर्विस बुक में पैत्रक गांव अटवाबैक जनपद उन्नाव लिखा रखा था, इसने अपनी सर्विस बुक में वर्तमान पता गंज जलालाबाद को गैर इरादतन नही लिखवाया ताकि यह विलग्राम तहसील में हमेशा बना रहे।
फलस्वरूप जब इसकी शिकायत होती थी तो यह सर्विस बुक का सहारा लेकर गैर जनपद का निवासी बताकर तथा राजनैतिक आकाओं से अधिकारियों को फोन कराकर एक ही सर्किल में इतने दिनों तक काय॔रत रहा, तथा भष्टाचार कर मल्लावां सर्किल के गाँव गंज जलालाबाद,अटवारा चक्कोला,परमी, फुलई,तेरिया-भवानी पुर, कटिया-भिखारीपुर,गंज मुरादाबाद इत्यादि गांवों की कीमती कृषि भूमि अपने,अपनी पत्नी व बच्चों के नाम से खरीद रखी है। सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि लखनऊ स्थित पारा में भी इसके तथा बच्चों के नाम कई रिहायशी प्लाट है जिसकी जानकारी रजिस्ट्री कार्यालय लखनऊ से प्राप्त की जा रही है। गांव गंज जलालाबाद में भी एक आलीशान मकान विना किसी रजिस्ट्री के बना खड़ा है। वर्तमान में इसने राजनीति में भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए है।
इसी क्रम में कुछ माह पूर्व हुए पंचायत चुनाव मेंअपने लड़के नील कमल को जिला पंचायत मल्लावां तृतीय से निर्दलीय के रूप में खड़ा कर दिया और चुनाव जितने के लिए क्षेत्र तृतीय के हर गांव में अपने ही सर्किल के और कुछ रिटाय॔ड लेखपालों को संबंधित गांव में भेज कर चुनाव प्रचार कराया, चूँकि यह मल्लावां सर्किल का ही कानून गो था फलस्वरूप सरकारी कर्मचारियों की मदद से चुनाव जीत गया। चुनाव में इसके विरुद्ध श्री अखिलेश कटियार भाजपा के प्रत्याशी थे उन्होंने इसकी शिकायत मा मुख्य मंत्री से की,कि राजेश कुमार अपने पुत्र नील कमल को मल्लावां तृतीय वार्ड से जिला पंचायत चुनाव लड़ा रहे है तथा नियमित रूप से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मतदाताओं पर दबाव बनाकर अपने पुत्र के पक्ष में मतदान कराने का उपक्रम कर रहे है, जोकि किसी भी कर्मचारी की सेवा नियमावली का घोर उल्लंघन है।
उक्त कर्मचारी राजेश कुमार का अपने ही गृह स॔किल में तैनात होना ही असंवैधानिक है। अतः अनुरोध है कि उक्त प्रकरण का संज्ञान लेते हुए राजेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर किसी अन्य तहसील में सम्बद्ध करने की कृपा करें, लेकिन हरदोई जिला प्रशासन ने विना किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराए राजेश कुमार कानून गो की जांच रिपोर्ट उसके ही लेखपाल धर्मेंद्र सिंह से लगवा दी ? क्या ऐसा नियमानुसार या कानूनन संभव है कि कानून गो की शिकायत की जांच आख्या उसके ही सर्किल का लेखपाल कर सकता है? फिर इसी आख्या को जिला प्रशासन ने भी मा मुख्य मंत्री को अग्रसित कर मुख्य मंत्री को अंधेरे में रखा और राजेश कुमार को बचा लिया गया ?
राजेश कुमार के पुत्र नील कमल ने जो चुनाव के समय अपना शपथ पत्र जिला पंचायत निर्वाचन अधिकारी को दिया है उसमें बहुत कुछ छिपाया गया है और जान-बूझ कर चुनाव अधिकारी के समक्ष गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है निर्वाचन नियमावली के अनुसार शपथ-पत्र में यदि कोई भी जानकारी जान-बूझकर छिपाई गई है और झूठा शपथ-पत्र देना नियमतः गलत है इसमें निर्वाचित सदस्य की सदस्यता समाप्त हो सकती है।
राजेश कुमार द्वारा अपनी सर्विस के दौरान गलत लोगों को भूमि पट्टे करने,भूमि परिवर्तन करने,गांव की श्मशान, खलिहान, चकरोड, तालाब इत्यादि की भूमि को बंदर-बांट कर अवैध ढंग बटोरी गई सम्पति और एक ही सर्किल में लगातार काय॔रत रहने का मुद्दा जब राष्ट्रीय पत्रकार एसोसिएशन ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मा मुख्य मंत्री के संज्ञान में लाया गया तो अन्ततः राजेश कुमार को हरदोई जनपद की विलग्राम तहसील के सर्किल मल्लावां से हटाकर सांडी भेज दिया गया है । जबकि इसे निलंबित कर गैर जनपद भेजने की मांग मा मुख्य मंत्री से की गई थी। लेकिन अभी आय से अधिक संपत्ति का मामला शासन में विचाराधीन है। विलग्राम तहसील मुख्यालय में अभी भी ऐसे दर्जनो अधिकारी कर्मचारी स्थानीय लोग नियम विरुद्ध काय॔रत हैं जिनकी जांच कर तुरंत हटाने की जरूरत है। जब तक उन्हे नही हटाया जाता विलग्राम तहसील का भ्रष्टाचार नहीं हटेगा?