उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए जनता में अपनी मजबूत पकड़ बनाने एवं उनका खोया हुआ विश्वास वापस लाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर अगस्त माह के नौ और 10 अगस्त को स्वतंत्रता आंदोलन के ऐतिहासिक अगस्त क्रांति के रूप में प्रदेश के लगभग सभी जिलों में विधानसभा वार भाजपा गद्दी छोड़ो मार्च यात्रा निकाली गई। आज इसी कार्यक्रम के दूसरे दिन विधानसभा जगदीशपुर में कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने महंगाई बेरोजगारी महिला सुरक्षा किसानों की समस्या बिगड़ती कानून व्यवस्था इत्यादि समस्याओं को लेकर भाजपा गद्दी छोड़ो मार्च के तहत सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसियों ने स्लोगन लिखी तख्तियां और झंडे लेकर गगनभेदी नारे लगाते हुए लखनऊ सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जैसे ही आगे बढ़े।
तत्काल जगदीशपुर चौक पर खड़े कोतवाली प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों ने कांग्रेसियों को आगे बढ़ने से रोकना चाहा जिसको लेकर दोनों में काफी गहमागहमी शुरू हो गई । कोतवाली प्रभारी का कहना था कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत 50 व्यक्तियों से अधिक को परमिशन नहीं दी गई थी और आप लोगों को आगे नहीं जाना है। यहीं से वापस हो जाइए जिस पर कांग्रेसी भड़क गए। भड़के भी क्यों ना जिस कोरोनावायरस का वास्ता दे कर पुलिसकर्मी उनको रोक रहे थे। उसी कोरोना गाइड लाइन की पुलिस कर्मियों द्वारा स्वयं धज्जियां उड़ाई जा रही थी । कोतवाली प्रभारी ने मास्क भी नहीं लगाया था घंटों दोनों में जद्दोजहद चलती रही। इस बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया । जबकि कांग्रेसियों के इस धरना प्रदर्शन को लेकर प्रशासन ने अनुमति दी थी।
उसके बावजूद पुलिस प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरती गई। जिसमें रैली के समय हाईवे पर आने जाने वाले वाहनों का रूट डायवर्जन नहीं किया गया । जिसके चलते दोनों तरफ से आने जाने वाली गाड़ियों को लेकर लंबा जाम लग गया यह जाम घंटों तक जमा रहा। हालांकि कांग्रेसियों के हुजूम के सामने पुलिस वालों की एक ना चली कांग्रेसियों ने सड़क पर लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे और वह सीधे रामलीला मैदान में ही जाकर रुके उसके बाद वहां से अपनी यात्रा समाप्त कर वापस चले गए इस दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले के कई थानों की फोर्स बुला ली गई।