कानपुर: अलकायदा समर्थित गज़वातुल हिंद के आतंकवादियों को लखनऊ से पकड़ने के बाद उनका कानपुर कनेक्शन सामने आया था. आतंकी मिनहाज और मुशीर के साथ पूछताछ के दौरान यह बात सामने निकल कर के आई थी कि कानपुर के चमनगंज से इन लोगों ने असलहा को खरीदा था. इसके बाद से यह तय माना जा रहा था कि एटीएस की टीम जल्द कानपुर में छापेमारी करेगी. हमारे सूत्रों के मुताबिक, एटीएस की टीम ने कानपुर शहर में 3 घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया और चमनगंज समेत तीन जगहों पर रेड मारी.
आफाक की तलाश में एटीएस
एटीएस की टीम को शकील की निशानदेही पर संदिग्ध आफ़ाक़ की तलाश थी, लेकिन आफाक एटीएस के हत्थे नहीं चढ़ पाया. एटीएस तीन आरोपितों को लखनऊ से लेकर कानपुर आई थी. मिनहाज मुशीर के बाद एटीएस ने उनके साथियों मोहम्मद मुस्तकीम लइक और शकील को गिरफ्तार किया था. इन्होंने आरोपितों को पिस्टल सप्लाई की थी. यह पिस्टल उसने कानपुर में एक अन्य संदिग्ध आफ़ाक़ की मदद से ली थी. इसी को खोजने के लिए टीम कानपुर आई थी. लखनऊ से आने के बाद टीम ने सीधे पेचबाग, नाला रोड और नई सड़क पर छापेमारी की.
कानपुर से खरीदा था असलहा
ऐसी संभावना पहले से ही थी कि, इनके और पकड़े गए साथियों के साथ कानपुर में ATS छापेमारी कर सकती है. एटीएस ने लखनऊ में 11 जुलाई को गजवातुल संगठन से जुड़े आतंकी मिनहाज और मुशीर को गिरफ्तार किया था. तफ्तीश में खुलासा हुआ था कि इन दोनों ने शकील नाम के शख्स की मदद से कानपुर के चमनगंज इलाके से असलहा कारतूस और चाकू खरीदे थे. 14 जुलाई को एटीएस ने दोबारा कार्रवाई करते हुए शकील के साथ मोहम्मद मोहित और मुस्तकीम को गिरफ्तार कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था.
लइक से पूछाताछ जारी
उसके साथ ही लइक का भी नाम पूछताछ में सामने आया था. हालांकि लइक से पूछताछ अभी भी जारी है और उसकी भूमिका की तलाश की जा रही है. सूत्रों की मानें तो ATS के हाथ आफाक नहीं लगा उसके परिचितों और रिश्तेदारों से कई घंटे तक पूछताछ भी की गई है. एटीएस सूत्रों की माने तो आफाक की लोकेशन दक्षिण भारत के एक प्रमुख शहर में मिल रही है. जिससे संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में वो एटीएस की गिरफ्त में होगा.