लखनऊ : यूपी में एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. जिसकी वजह प्रदेश में 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा से जुड़ी जीवन रक्षक वाहनों को पहिए थम गए हैं. प्रदेश में एस्मा लागू होने के बादवजूद भी राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसे में मरीजों को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है. मरीज एम्बुलेंस सेवा के कॉल सेंटर में फोन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल रही है.
राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना ट्रामा-टू के पास तीन दिन से एंबुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन चल रहा था. इस दौरान उनकी समस्या निराकरण नहीं हो सका और हड़ताल को लेकर एस्मा लागू होने की नोटिस जारी कर दी गई. इसके बाद जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 एम्बुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान, महामंत्री सत्येंद्र, मीडिया प्रभारी शादाब ने चक्का जाम का एलान कर दिया. जिसके बाद सोमावर सुबह से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में 108-102 और एएलएस एम्बुलेंस सेवा ठप हो गई है.
मानदेय बढ़ोतरी, समायोजन की मांग
दरअसल, एएलएस एम्बुलेंस सेवा का संचालन पहले जीवीकेईएमआरआई कंपनी करती थी, लेकिन अब इससे जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी को सौंप दिया गया है. एम्बुलेंस संघ के मीडिया प्रभारी शादाब ने कहा कि एएलएस के सभी कर्मियों का नई कंपनी में समायोजन हो. साथ ही तय मानदेय पर ही लिया जाए. इसके अलावा 108-102 कर्मियों का मानदेय बढ़ाया जाए. हड़ताली कर्मचारियों के मुताबिक, नई कंपनी ने एएलएस एम्बुलेंस सेवा के 1000 कर्मचारियों को नौकरी निकाल दिया है. ऐसे में कोरोना काल में योद्धा की भूमिका निभाने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं.
वार्ता का नहीं निकाला हल
उधर, एम्बुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद लखनऊ जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व सेवा प्रदाता कंपनी के अधिकारी उनसे वार्ता करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे, लेकिन समस्या का कोई हमल नहीं निकल सका. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक एम्बुलेंस कर्मियों से वार्ता कर समस्या का हल निकालने की कोशिश की जा रही है.
आगरा में दिखा हड़ताल का असर
एम्बुलेंस कर्मचारियों की इस हड़ताल का असर आगरा में भी देखने को मिला. यहां एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. ये लोग सरकारी एम्बुलेंस सेवाओं के 1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध कर रहे हैं. सोमवार सुबह लेडी लॉयल अस्पताल के सामने जमा होकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की.