जीवन दायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ (108 and 102 Ambulance Employees Union) उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रयागराज में एम्बुलेंस के पहिए थम गए. प्रयागराज में हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार के उनके साथ दोयम दर्जे का रवैया अपनाया रही है, कर्मचारियों को नियमित करने के बजाय ठेका दूसरी कंपनी को दिया जा रहा है. ऐसे में बहुत से एंबुलेंस चालकों के रोजगार पर संकट आ गया है. नई कंपनी के द्वारा डिमांड ड्राफ्ट की मांग की जा रही है. साथ ही ओवर एज हो चुके चालकों को हटाने की भी बात कही जा रही है. ऐसे में जो चालक ओवरेज हो चुके हैं और पिछले 10 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उनके रोजी-रोटी पर अब संकट मंडरा रहा है. इसके साथ ही इसके साथ ही एंबुलेंस कर्मियों ने कोरोना काल में जान गवाने वाले एम्बुलेंस कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख रुपए की बीमा राशि और सहायता सरकार की तरफ से जारी की जाए और कंपनी बदलने में वेतन में किसी तरह की कटौती नहीं किए जाने की मांग की है.
मिर्जापुर में जिले में सभी 65 एम्बुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर
वहीं मिर्जापुर में सभी एम्बुलेंस जिले के चंदईपुर के मैदान में खड़ी हो गई हैं. जिले के सभी 65 एंबुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले में 102 की 31, 108 की 31 व एएलएस की 3 एम्बुलेंस हैं. हालांकि सीएमओ के कहने पर कर्मचारियों ने तीन एम्बुलेंस क्रिटिकल कंडीशन में चलने के लिए दी हैं.
मेरठ में हड़ताली एम्बुलेंस कर्मियों ने किया प्रदर्शन
मेरठ में भी 102 और 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिसकी वजह से जिले में करीब 90 एम्बुलेंस के पहिए थम गए. सभी एम्बुलेंस के कर्मचारी मेरठ के मेडिकल कॉलेज के मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं. जिसके चलते मेरठ का स्वास्थ्य सिस्टम निजी एम्बुलेंस के भरोसे हैं. हालांकि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तीन एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है.
कन्नौज में एम्बुलेंस की हड़ताल से मरीज परेशान
वहीं कन्नौज में भी एम्बुलेंस की हड़ताल के कारण मरीज परेशान हैं. जीवन दायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ (108 and 102 Ambulance Employees Union) उत्तर प्रदेश के आह्वान पर जिले के सभी एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर हैं.
कौशाम्बी में एम्बुलेंस सेवा पर लगा ब्रेक
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी में भी एम्बुलेंस सेवा ठप होने का असर दिखाई दिया. यहां भी एम्बुलेंस सेवा ठप होने से मरीज परेशान दिखे.
अलीगढ़ में थमे एम्बुलेंस के पहिए
इसके साथ ही अलीगढ़ में भी एम्बुलेंस सेवा की हड़ताल का असर दिखाई दिया. हालांकि तहसील स्तर से मरीजों को लाने ले जाने के लिए तीन एम्बुलेंस को इस हड़ताल से बाहर रखा गया है.
सैकड़ों मरीजों को नहीं मिली एम्बुलेंस
राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं. वहीं गर्भवती प्रसूता नवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं. वहीं गंभीर मरीजों के लिए प्रदेश भर में वेंटिलेटर युक्त एम्बुलेंस कुल 250 तैनात की गई हैं. इन सभी एम्बुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है. कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने बाद प्रदेश भर में आज सुबह से एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप है. ऐसे में मरीज बार-बार कॉल सेंटर पर फोन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है.