यादव वोटों पर भाजपा की नजर मुलायम सिंह से मिले स्वतंत्रदेव सिंह
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के आवास पहुँचकर उनका कुशल क्षेम पूछा और उनका आशीर्वाद लिया। स्वतंत्रदेव सिंह का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मुलायम सिंह के मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। गौरतलब हो कि अभी हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की मृत्यु के बाद उनको श्रद्धांजलि देने न तो मुलायम परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुँचा। इस मुद्दे को भाजपा ने तूल भी दिया। इसके बाद स्वतंत्रदेव सिंह का खुद मुलायम सिंह के यहां पहुँचना भाजपा की सियासी रणनीति है। अब देखना यह है कि इसका फायदा भाजपा उठा पाती है या नहीं।
मुलायम सिंह यादव पुराने समाजवादी नेता है। जमीनी स्तर पर उन्होंने काम भी किया है। इस नाते प्रदेश में बड़ी संख्या में उनको मानने वाले लोग हैं। वहीं यादवों के वह सर्वमान्य नेता हैं। 2012 में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री तो बना दिया लेकिन यादव समाज का विश्वास वह अर्जित नहीं कर सके। 2017 के विधानसभा चुनाव में मुलायम परिवार में आपसी कलह की वजह से मुलायम सिंह अलग-थलग पड़ गये थे। इसका खामियाजा सपा को भुगतना पड़ा और समाजवादी पार्टी की विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजय हुई।
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी स्वयं मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर जाकर मिल चुके हैं। स्वतंत्रदेव की सियासी मुलाकात के बहाने भाजपा यादवों की सहानुभूति पाना चाहती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में यादव भाजपा के साथ जुड़े तो वह भाजपा के ही होकर रह गये। क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में अगर यादव वोटर सपा के साथ होता तो सपा की यह दुर्गति नहीं होती। इसलिए भाजपा यादव मतदाताओं को अपने सांचे से बाहर नहीं देना चाहती ताकि इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में उठाया जा सके। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने ट्वीट में लिखा है कि आदरणीय मुलायम सिंह नेताजी से उनके आवास पर भेंट कर कुशलक्षेम जाना एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। मैं ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना करता हूं।