ओपिनियन

ऐसे अफसरों और राजनीति से भगवान बचाए!

मृत्युंजय दीक्षित


पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को रेप पीड़िता व उसके साथी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यह वहीं अमिताभ ठाकुर हैं जिन्होंने कुछ ही दिनों पूर्व उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदेश की किसी भी सीट जहां से वह चुनाव लडेंगे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान करके पहली राजनैतिक सनसनी मचाने का काम किया। प्रदेश में वह छोटे दल जो बीजेपी को हराने के लिए बहुत बड़े सपने देख रहे हैं उन सभी ने अमिताभ ठाकुर को उतने ही बड़े अवसर भी दे डाले हैं फिर वह चाहे पीस पार्टी हो, आम आदमी पार्टी हो या फिर कोई और दल सभी दल और तथाकथित सेकुलर मीडिया भी पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को एक महानायक की तरह पेश करने लग गया था लेकिन जो हुआ है उससे तो यही लगता है कि ऐसे अफसरों और उनका राजनैतिक महिमामंडन करने वाले दलों व सेकुलर मीडिया से भगवान ही बचाये।

पूर्व आईपीएस अफसर की मानसिक विकृति उजागर हो गयी है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर जिन दलों के बयान सरकार के विरोध में आये हैं उनकी भी मानसिक स्थिति का पता चल गया है और यह भी पता चल गया है कि भाजपा विरोधी दलों के पास कोई एजेंडा नहीं रह गया है। प्रदेश में अगर कुछ भी सकारात्मक व नकारात्मक हो जाता है तो विपक्ष को उसका विरोध ही करना है । समाजवादी नेता अखिलेश यादव को कम से कम अमिताभ ठाकुर प्रकरण पर तो शांत रहना ही चाहिए था लेकिन उन्होंने इस गिरफ्तारी के विरोध में बयान देकर अपने आपको बेनकाब कर दिया है, सपा नेता के बयानों से पता चल गया है कि वह मानसिकता के नेता है। अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी का विरोध करके सपा मुखिया ने अपने पिता का भी अपमान कर डाला है। सपा मुखिया ने अपने बयान से सपा का महिला विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है।

सपा मुखिया बयान देते समय यह भूल गये कि यह वही अमिताभ ठाकुर हैं जिन्होंने वर्ष 2015 में उनके पिता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए हजरतगंज कोतवाली के बाहर धरना दिया था। समाजवादी सरकार के खिलाफ वह मीडिया में सरकार विरोधी एजेंडा चलाते थे और किसी न किसी विभाग के भ्रष्टाचार को भी उजागर करते थे। सपा सरकार की छवि को खराब करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला आज समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा हितैषी कैसे और क्यों बन गया यह बहुत ही हैरान करने वाला है अपितु इस प्रकरण में तो अखिलेश यादव को बीजेपी व पुलिस प्रषासन की तारीफ करनी चाहिए थी।

इससे यह भी पता चल गया है कि अवसर आने पर राजनीति किस प्रकार यूटर्न लेती है। अब तो यह साफ हो रहा है कि क्या सपा सरकार में भी अमिताभ ठाकुर को खुला संरक्षण प्राप्त था । क्या वर्तमान सपा मुखिया अपने पिता के खिलाफ अमिताभ ठाकुर का इस्तेमाल कर रहे थे। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की गतिविधियों की गहराई से जांच करनी आवष्यक है और इसमें षामिल सभी लोगों को जेल भेजकर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि ऐसे अपराधी तत्व राजनेता न बन सकें।

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता को कोर्ट में धीमी जांच व सुनवाई के मामले में भड़काना यानि साजिश रचना षुरू कर दिया था। अंततः रेप पीड़िता और उसके सहयोगी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया और बाद में दोनों की ही इलाज के दौरान दुखद मौत हो गयी। एसआईटी की प्रारम्भिक जांच से पता चला है कि अमिताभ ठाकुर पूरे प्रकरण में बसपा सांसद अतुल राय और जेल में बंद मुख्तार अंसारी के साथ संपर्क में था और प्रदेश सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए लगातार साजिशे रच रहा था।

इस प्रकरण में रेप पीड़िता ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर इसके लिए जिम्मेदार हैं। उनके कारण हम इतना मजबूर हुए और इनसे पूछना चाहिए कि जब दुष्कर्म जैसा गंभीर केस कोर्ट में विचाराधीन था तो उन्होंने आडियो को सार्वजनिक क्यों किया ? रेप पीड़िता का कहना है कि वह सांसद अतुल राय को बचाने के लिए रिष्वत देकर साक्ष्यों को मिटाने का काम कर रहे थे व सोशल मीडिया पर हमारी छवि को खराब कर रहे थे।

पूरे प्रकरण से साफ पता चल रहा है कि पूर्व आईपीएस व उनकी पत्नी नूतन ठाकुर किस प्रकार से अपराधियों को बचाने के लिए प्रयासरत थे । अब यह लोग कह रहे हैं कि जब से अमिताभ ठाकुर ने योगी जी के खिलाफ चुनाव लडने का ऐलान किया है तब से उन्हें परेशान किया जा रहा है , बहुत ही हास्यास्पद व बचकाना बयान है। जिस दिन अमिताभ ठाकर को हिरासत में लिया गया उसी दिन उन्होंने अपने नये राजनैतिक दल को बनाने का ऐलान भी किया और अपने सभी शुभचिंतको से सुझाव भी मांगा है। लेकिन यहां पर सभ्य समाज का यही सुझाव होगा कि अमिताभ ठाकुर जैसे असभ्य व मानसिक विकृति वाले अपराधियों को किसी भी हालत में राजनीति से दूर रखकर जेल में ही रखना चाहिये।

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर अपनी गंदी चालों से राम राज्य को निपटाने चले थे , वह योगी जी को चुनावों में पटखनी देने का सपना देखने लगे थे लेकिन यह भगवान श्रीराम की ही कृपा है कि वह स्वयं ही जनता के सामने समय रहते बेनकाब हो गए। भगवान श्रीराम ने उन्हें उनकी जगह पर पहुंचा दिया है अगर यदि इसी प्रकार भगवान राम की कृपा बरसती रही तो रामराज्य का अंत करने का सपना देख रहे लोग आपस ही में गठबंधन करके अपनी असली जगह तक पहुंच जायेंगे।

The Global Post

The Global Post Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 5 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button