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राजस्थान: पीएम मोदी ने रखी 4 मेडिकल कॉलेजों की नींव, कहा- CM गहलोत को धन्यवाद, ये दोस्ती ही लोकतंत्र की ताकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास कर उनकी नींव रखी. साथ ही उन्होंने ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी (CIPET)’ का उद्घाटन भी किया. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, भारत ने कोविड आपदा में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है. राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्यक्रम और इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी का उद्घाटन इसी दिशा में एक अहम कदम है.

पीएम मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखते हुए कहा, ‘2014 के बाद से राजस्थान में 23 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी, इनमें से 7 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं. आज बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा में नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण की शुरुआत हुई है.’

पने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री का धन्यवाद भी किया और कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बातों को सुन रहा था तो उन्होंने कामों की एक लंबी सूची गिना दी. मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूं कि उनका मुझपर इतना भरोसा है और लोकतंत्र में यही बड़ी ताकत है. उनकी विचारधारा और पार्टी अलग है और मेरी अलग. लेकिन अशोक गहलोत का मुझपर जो भरोसा है, उसी के कारण आज उन्होंने दिल खोलकर बातें रखीं हैं. ये दोस्ती लोकतंत्र की ताकत है.’

क्या है CIPET?

भारत सरकार ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर ‘सिपेट : पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्‍थान’ जयपुर की स्थापना की है. यह आत्मनिर्भर है और पेट्रोरसायन तथा संबद्ध उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समर्पित है. यह युवाओं को कुशल तकनीकी पेशेवर बनने के लिए शिक्षा प्रदान करेगा. पीएम मोदी ने कहा, 100 साल की सबसे बड़ी महामारी ने दुनिया के हेल्थ सेक्टर को बहुत कुछ सिखाया है. हर देश अपने-अपने तरीके से इस संकट से निपटने में जुटा है. भारत ने इस आपदा में आत्मनिर्भरता का और अपने सामर्थ्य में बढ़ोतरी का संकल्प लिया है. राजस्थान के इन 4 मेडिकल कॉलेजों को ‘जिला / रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना’ के लिए केन्‍द्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत स्वीकृत किया गया है. मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में पिछड़े जिलों को प्राथमिकता दी जाती है. योजना के तीन चरणों के तहत, देश भर में 157 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है.

हेल्थ सेक्टर की जो कमियों को दूर करने का काम जारी

पीएम मोदी ने कहा, मेडिकल शिक्षा के मामले में बीते दो दशक के अथक प्रयासों से गुजरात ने मेडिकल सीटों में लगभग 6 गुना वृद्धि दर्ज की है. मुख्यमंत्री के रूप में देश के हेल्थ सेक्टर की जो कमियां मुझे अनुभव होती थीं, बीते 6-7 सालों से उनको दूर करने की निरंतर कोशिश की जा रही है. देश के स्वास्थ्य सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करने के लिए हमने एक राष्ट्रीय अप्रोच, एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर काम किया. स्वच्छ भारत अभियान से लेकर आयुष्मान भारत और अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तक, ऐसे अनेक प्रयास इसी का हिस्सा हैं. चाहे एम्स हो, मेडिकल कॉलेज हो या फिर एम्स जैसे सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल हों, इनका नेटवर्क देश के कोने-कोने तक तेजी से फैलाना बहुत जरूरी है. आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि 6 एम्स से आगे बढ़कर आज भारत 22 से ज्यादा एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है.

6-7 सालों में तैयार हुए 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज

पीएम मोदी ने कहा, इन 6-7 सालों में 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज तैयार हो चुके हैं और 100 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज पर काम तेजी से चल रहा है. साल 2014 में देश में मेडिकल की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की कुल सीटें 82 हजार के करीब थीं. आज इनकी संख्या बढ़कर 1 लाख 40 हजार सीट तक पहुंच रही है. स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी स्किल्ड मैनपावर का सीधा असर प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं पर होता है. इसे हमने इस कोरोना काल में औऱ ज्यादा महसूस किया है.

उन्होंने कहा, आजादी के इस अमृतकाल में उच्च स्तर का कौशल, न सिर्फ भारत की ताकत बढ़ाएगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा. सबसे तेजी से विकसित हो रहे उद्योगों में से एक, पेट्रो-केमिकल इंडस्ट्री के लिए, स्किल्ड मैनपावर, आज की आवश्यकता है. अब, हर भारतीय, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो, अब डॉक्टर बन सकता है. यह आवश्यक है कि सामाजिक के प्रत्येक व्यक्ति को मेडिकल एजुकेशन का अवसर मिले. ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के युवाओं को आरक्षण प्रदान करना इसी दृष्टिकोण का समर्थन करता है.

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