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पंजाब: लॉ एंड ऑर्डर की मीटिंग में क्या कर रहा था CM का बेटा? चरणजीत सिंह चन्नी पर उठ रहे सवाल

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने हाल ही में राज्य के डीजीपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कैबिनेट के कुछ मंत्रियों के साथ हाई लेवल कॉन्फिडेंशियल मीटिंग की. इस मीटिंग में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे रिदमजीत सिंह की मौजूदगी को लेकर बवाल मच गया है. दरअसल पंजाब के लॉ एंड ऑर्डर और दूसरे कई महत्वपूर्ण गोपनीय मुद्दों से जुड़ी ये अहम मीटिंग गुरुवार को बुलाई गई थी.

पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को राज्य के डीजीपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कैबिनेट के कुछ मंत्रियों के साथ हाई लेवल कॉन्फिडेंशियल मीटिंग की थी. इस मीटिंग में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ डिप्टी सीएम ओ पी सोनी, कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और गुरकीरत कोटली, सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुस्न लाल समेत पुलिस के कई आला अधिकारी और डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता भी मौजूद थे.

सीएम चन्नी का बेटा भी मीटिंग में मौजूद

लेकिन इस हाई लेवल कॉन्फिडेंशियल मीटिंग में डीजीपी के ठीक पीछे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का बेटा रिदमजीत सिंह भी बैठा हुआ दिखाई दे रहा है. मीटिंग में उसकी उपस्थिति पर कई सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें आने के साथ विवाद शुरू हो गया है. लोगों का कहना है कि कैसे उसे इस हाई लेवल कॉन्फिडेंशियल मीटिंग में बैठने की इजाजत दी गई. इस मीटिंग में लॉ एंड ऑर्डर सहित कई गोपनीय मुद्दों को लेकर चर्चा हुई थी. ऐसे में रिदमजीत सिंह वहां कैसे बैठ सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला बोला है. पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इसे पूरी तरह से अनैतिक बताया है. अश्वनी शर्मा ने कहा कि चन्नी तीन बार विधायक रह चुके हैं. उन्हें नियमों के बारे में काफी अच्छे से पता है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नियम-कानून को जानते हुए भी सीनियर ब्यूरोक्रेट्स ने इसकी इजाजत दी.

CM चन्नी के बड़े फैसले

इसी बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को बड़े फैसले लिए हैं. मुख्यमंत्री ने किसान प्रदर्शनकारियों को बड़ी राहत दी है. उन्होंने रेलवे ट्रैक पर धरना देने वाले किसान संगठनों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है. ये केस RPF (रेलवे सुरक्षा बल) ने दर्ज किए थे. रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने के लिए आरपीएफ ने किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए थे. मगर अब इन्हें वापस लेने के आदेश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री RPF के चेयरमैन को पत्र लिखकर इस पर तुरंत अमल करने को कहा है.

इसके अलावा आशीर्वाद स्कीम को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है. इस योजना के लिए पहले निर्धारित आय सीमा को हटा दिया गया है. यह योजना कोविड-19 से अपने माता-पिता को खोने वाले लड़कियों के लिए लागू की गई थी. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद भी बड़े फैसले लिए थे. उन्होंने दो किलोवाट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले 80 फीसदी लोगों का बिल माफ करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि बकाया बिल सरकार भरेगी.

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