पंजाब के 22 किसान संगठनों ने आज शनिवार को अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों के संगठन की ओर से चुनाव में किस्मत आजमाने के फैसले से अलगाव कर लिया और साफ किया कि चुनाव लड़ने को लेकर बने मोर्चा बनाने में उनका कोई लेना-देना नहीं है.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक स्पष्टीकरण जारी किया कि पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाने की आज की घोषणा से उनका कोई लेना-देना नहीं है. किसान मोर्चा ने कहा कि एसकेएम किसी भी राजनीतिक दल को अपने बैनर या मंच का इस्तेमाल नहीं करने देने की अपनी नीति पर कायम है.
जनवरी में चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों पर होगा फैसला
साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अगले साल 15 जनवरी को होने वाली आगामी राष्ट्रीय एसकेएम बैठक यह तय किया जाएगा कि विधानसभा चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठन और नेता एसकेएम के भीतर रह सकते हैं या नहीं.
SKM issued a clarification that they've nothing to do with today's declaration by some Punjab farmer organisations to form a 'Samyukt Samaj Morcha' to contest assembly polls. SKM stands by its policy of not allowing any political party to use its banner/stage, the org added.
— ANI (@ANI) December 25, 2021
इससे पहले किसानों के 22 संगठनों ने मिलकर संयुक्त समाज मोर्चा नाम से चुनावी संगठन लॉन्च कर दिया. समाज मोर्चा को चंडीगढ़ में लॉन्च करते हुए इसकी जानकारी दी गई. सूत्रों के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा राज्य की सभी 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
नवगठित मोर्चे के प्रमुख होंगे बलबीर सिंह
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल चंडीगढ़ में नवगठित मोर्चे के प्रमुख होंगे. मोर्चे की ओर से जारी बयान में राजेवाल ने कहा, ‘पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक नया ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाया गया है. किसानों के 22 यूनियनों ने मिलकर यह फैसला लिया है. हमें व्यवस्था बदलने की जरूरत है. हम लोगों से इस मोर्चा का समर्थन करने की अपील करते हैं.’
पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 22 किसान संगठनों ने उतरने का फैसला लिया है हालांकि 7 संगठन ऐसे भी हैं, जिन्होंने चुनाव से दूरी बनाने का ऐलान किया है. इन संगठनों में से एक जय किसान आंदोलन भी है. इस संगठन का कहना है कि वह किसान संगठनों द्वारा SKM के नाम से चुनावी मोर्चा गठन के विचार का समर्थक नहीं है और न ही किसी ऐसे प्रयोग का हिस्सा बनेगा.
खास बात यह है कि इससे पहले 32 किसान संगठनों ने पिछले दिनों (18 दिसंबर) को साफ किया था कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे और ना ही इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे. ये किसान संगठन केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल थे.