कारगिल और लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.0 मापी गई है. यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी ने दी है. भूकंप शाम सात बजकर एक मिनट पर आया है. इसका केंद्र पाकिस्तान बताया जा रहा है. हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी भी जानमाल के नुकसान की सूचना सामने नहीं आई है. भूकंप के आने की वजह से लोग सहम गए और अपने-अपने घरों से निकल आए.
इससे पहले 22 दिसंबर को कर्नाटक में बेंगलुरु के निकट स्थित चिक्कबल्लापुर जिले में सुबह लगातार दो बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने बताया था कि सुबह करीब सात बजकर 10 मिनट और सात बजकर 15 मिनट पर आए भूकंपों का केंद्र मांडिकल और भोगपार्थी गांवों के निकट था. इनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.9 और तीन मापी गई. केएसएनडीएमसी ने एक बयान में बताया था कि भूकंप की तीव्रता कम थी और झटके अधिकतम 10 किलोमीटर से 15 किलोमीटर तक के दायरे में महसूस किए गए होंगे.
बीकानेर में 4.3 तीव्रता का आया था भूकंप
वहीं 12 दिसंबर को बीकानेर में शाम को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई थी. जिला प्रशासन के अनुसार इस भूकंप का केन्द्र बीकानेर से 381 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था. भूकंप से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था.
भूकंप आने पर ऐसे करें बचाव
1- भूकंप के झटके महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और कस कर पकड़ लें.
2- जब तक झटके जारी रहें या आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं, तब तक एक ही जगह बैठे रहें.
3- अगर ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें.
4- बिस्तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें. अपने सिर पर तकिया रख लें.
5- अगर आप बाहर हैं तो किसी खाली स्थान पर चले जाएं यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर.
6- कार चला रहे हैं तो कार धीमी करें और एक खाली स्थान पर ले जाकर पार्क कर दें.
7- अगर आप बाहर, सड़क पर या बाजार में हो तो पास में मैदान या खुली जगह में पहुंच जाएं.
8- ऊंची बिल्डिंगों के करीब न रहें और उनसे दूर चले जाएं.
9- कहीं अंदर फंस गए हैं तो दौड़ें नहीं, इससे और तेज झटके लग सकते हैं.
10- पेड़ों से और बिजली के तारों से दूर रहने की कोशिश करें.