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कॉमनवेल्थ और CRPF भर्ती घोटाले की कर चुके हैं जांच, अब वानखेड़े की जगह आर्यन केस की जांच करेंगे संजय सिंह

सुपर स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग कांड में गिरफ्तारी के बाद से ही मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और बॉलीवुड में हंगामा बरपा हुआ है. आर्यन खान सहित 6 मामलों की पड़ताल कर रहे NCB के तेज-तर्रार युवा अफसर समीर वानखेड़े से शुक्रवार को तमाम चर्चित मामलों की जांच ले ली गई है. आर्यन ड्रग कांड से लेकर उससे पीछे तक के तमाम उन मामलों की पड़ताल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुख्यालय ने शुक्रवार को वरिष्ठ IPS अधिकारी संजय कुमार सिंह के हवाले कर दी.

संजय कुमार सिंह की अचानक कराई गई इस एंट्री का मतलब यह नहीं है कि इससे समीर वानखेड़े कहीं कमजोर करार दिए गए हैं, आइए जानते हैं अंदर की कहानी कि आखिर कौन हैं IPS संजय कुमार सिंह और क्यों उनको दी गई है आर्यन खान ड्रग कांड से लेकर बाकी तमाम चर्चित मामलों की पड़ताल? संजय कुमार सिंह ओडिशा कैडर 1996 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के के वरिष्ठ अधिकारी हैं.

इसलिए ओडिशा पुलिस से NCB में बुलाए गए संजय सिंह

इसी साल के शुरुआती दिनों (जनवरी 2021) में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो  में नियुक्त किए गए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में उप-निदेशक (सामान्य) के पद पर तैनात किया था. इससे पहले तक वे ओडिशा राज्य पुलिस में तैनात थे. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में जब उन्हें प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया तब वे वहां, (भुवनेश्वर में) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस आधुनिकीकरण के पद पर तैनात थे.

उन दिनों IPS संजय कुमार सिंह को ओडिशा सरकार ने एडिश्नल डायेरेक्टर जनरल पुलिस के पद पर पदोन्नत किया ही था कि उन्हें केंद्रीय हुकूमत की तरफ से नारोक्टिक्स कंट्रोल ब्यूरो में बुला लिया गया. ओडिशा कैडर के इस दबंग IPS अफसर की पहचान राज्य पुलिस में ड्रग माफियाओं के सबसे बड़े कानूनी दुश्मन के रूप में की जाती है. ओडिशा राज्य पुलिस में ड्रग टास्क फोर्स प्रमुख के बतौर तैनाती के दौरान संजय कुमार सिंह द्वारा किए गए यूं तो कई काम आज भी याद किए जाते हैं.

बेदाग थे सो किसी ने विरोध नहीं किया

उनके द्वारा ट्विन सिटी कमिश्नरेट पुलिस में पोस्टिंग के दौरान ड्रग माफियाओं के खिलाफ की गई ताबड़तोड़ कार्रवाइयां आज भी उदाहरण के तौर पर ओडिशा पुलिस में सुनाई-बताई जाती हैं. फिलहाल ऐसे दबंग IPS अधिकारी इन दिनों नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में उप-निदेशक सामान्य ऑपरेशन्स के पद पर तैनात हैं. संजय सिंह के ओडिशा कैडर में तमाम पदों पर तैनाती के दौरान भी उनकी नौकरी में कहीं कोई दाग नहीं था. इसी के चलते उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डेपूटेशन पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुख्यालय में अहम पद पर तैनात कर दिया था.

अमूमन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जैसे संवेदनशील महकमे में प्रतिनियुक्ति पर किसी भी वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को लेकर अक्सर किसी न किसी चर्चा का बाजार गरम रहता है. साल 2020 के अंत में जब केंद्रीय नियुक्ति कमेटी ने संजय कुमार सिंह की ओडिशा पुलिस से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुख्यालय में प्रतिनियुक्ति को हरी झंडी दी, तो कहीं कोई किसी तरह की चर्चा या विवाद की आवाज सुनाई नहीं दी थी. संजय कुमार सिंह की नारकोटिक्सट कंट्रोल ब्यूरो में नियुक्ति 31 जनवरी साल 2025 तक के लिए की गई है.

ऐसे अचानक चर्चाओं में आए IPS संजय सिंह

अपनी प्रतिनियुक्ति पर किसी भी तरह की चर्चा में न रहने वाले, संजय कुमार सिंह का नाम अचानक शुक्रवार (5 नवबंर 2021) को चर्चाओं में आ गया. वो भी शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग कांड की जांच उनके हवाले किए जाने के चलते. उल्लेखनीय है कि बीती 2 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान को मुंबई से गोवा के सफर पर निकले पानी के जहाज पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने छापा मार कर ड्रग कांड में गिरफ्तार किया था. हालांकि जब मुकदमा अदालत में पेश हुआ तब मुंबई जोन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने कहा कि आरोपी (आर्यन खान) के कब्जे से न ड्रग बरामद हुई. न ही वो ड्रग का सेवन करते हुए पाया गया.

बहरहाल समीर वानखेड़े और उनके नेतृत्व वाली मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम जरूर कथित रुप से बखेड़े में फंसी या फंसा दी गई. बवाल उस हद तक बढ़ा कि आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाली टीम के प्रमुख समीर वानखेड़े पर तमाम निजी आरोप भी लगे. लिहाजा आईंदा आर्यन खान ड्रग कांड की जांच प्रभावित या बदनाम न हो. इसी के चलते शुक्रवार को मामले की जांच से समीर वानखेड़े को हटाकर, आगे की पड़ताल संजय कुमार सिंह को सौंप दी गई. संजय कुमार सिंह को हवाले उन सभी मामलों की जांच भी सौंपी गई है जो, समीर वानखेड़े और उनकी टीमें पहले देख रही थीं.

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