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बंगाल में BJP-TMC में थम नहीं रहा है रार, अब रवींद्रनाथ ठाकुर के रंग पर तकरार, केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, ‘काले थे टैगोर’

पश्चिम बंगाल में टीएमसी (TMC) और बीजेपी (BJP) के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष सरकार (Dr. Subhash Sircar) की उस बयान ने विवाद पैदा हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की मां ने बचपन में उन्हें गोद में इसलिए नहीं लिया क्योंकि ‘उनका रंग गोरा नहीं था.’ मंत्री की इस टिप्पणी पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ टीएमसी ने नाराजगी जताते हुए इसे राज्य की शख्सियत का ‘अपमान’ करार दिया है.

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और बांकुड़ा के सांसद सुभाष सरकार ने बुधवार को विश्व भारती में रवींद्रनाथ टैगोर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी मां और परिवार उन्हें अपनी गोद में नहीं लेते थे, क्योंकि रबींद्रनाथ टैगोर काले थे. जब सुभाष सरकार ने यह टिप्पणी की, उस समय विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती, बीजेपी जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा और दुबराजपुर से भाजपा विधायक अनूप साहा मौजूद थे.

टीएमसी ने बयान को करार दिया नस्लवादी

हालांकि, बीजेपी ने मंत्री सुभाष सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ‘नस्लवाद’ के खिलाफ थी. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की. टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने सरकार की टिप्पणी को लेकर कहा, “सुभाष सरकार को इतिहास नहीं पता. यह सब जानते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर की त्वचा का रंग गोरा था. यह नस्लवादी टिप्पणी है और बंगाल का अपमान है. सुभाष सरकार को दोबारा कभी विश्व भारती में घुसने नहीं देना चाहिए.” सीपीआईएम ने भी बयान की निंदा की है. पार्टी के सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि इस तरह के बयान बीजेपी की नस्लवादी और बंगाली विरोधी सोच को दिखाते हैं.

रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने संस्करणों में किया है उल्लेख

गौरतलब है कि रवींद्रनाथ ने अपने संस्मरणों में उल्लेख किया है, “मैं वास्तव में अपनी मां का काला पुत्र था.” बचपन में कवि ने लिखा, ‘अनादर एक तरह की स्वतंत्रता है’. टैगोर परिवार के बच्चे ठाकुर बाड़ी में अपना दिन बिताते थे. हालांकि, रवींद्रनाथ टैगोर के जीवनकार प्रशांत कुमार पॉल ने कहा कि रवींद्रनाथ का बाकी भाइयों से रंग थोड़ा गहरा था, लेकिन इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि काला होने के कारण कोई उन्हें गोद में नहीं लेता था.

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