कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 29 नवंबर को विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है. ये बैठक ऐसे वक्त पर बुलाई गई है, जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. हालांकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इसमें शामिल नहीं हो रही. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि यह टीएमसी के ऊपर है, अगर उसने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हमने विपक्ष की हर पार्टी को आमंत्रित किया था. ताकि संसद का सत्र शुरू होने से पहले विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके. लेकिन ये उनके (टीएमसी) ऊपर है कि वह इसमें शामिल होते हैं या नहीं.’ कांग्रेस नेता की तरफ से ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब एक दिन पहले ही टीएमसी ने केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लिया था.
क्यों बुलाई गई है बैठक?
सोमवार (29 नवंबर) से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. इसपर रविवार को खड़गे ने एएनआई से कहा, ‘मुझे लगता है कि सभी विपक्षी दलों को संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए सोमवार को बैठक में आना चाहिए (Congress Opposition Party Meeting). बैठक में प्राथमिकता वाले मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’ हालांकि कांग्रेस के साथ बढ़ती अनबन के बीच टीएमसी ने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
टीएमसी नेता ने क्या कहा?
एक टीएमसी नेता के हवाले से एएनआई ने बताया है, ‘टीएमसी कल प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल नहीं होगी, लेकिन निश्चित रूप से उन दोनों बैठकों में हिस्सा लेगी, जो प्रधानमंत्री और राज्यसभा के सभापति की अध्यक्षता में हो रही हैं.’ पार्टी ने यह भी कहा कि वह सदन में कई मुद्दों को उठाएगी. बैठक में शामिल नहीं होने के टीएमसी के फैसले के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, ‘हम सभी को विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे.’