ड्रग्स केस: अकाली दल के फरार नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शिरोमणि अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है. एक दिन पहले ही उनके खिलाफ ड्रग्स से जुडे़ मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. ऐसी जानकारी है कि लुक आउट सर्कुलर को लेकर पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने भी इमीग्रेशन विभाग से अपील की थी.
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की धारा 25, 27 ए और 29 के तहत दर्ज एफआईआर के अनुसार, बिक्रम सिंह मजीठिया ने सिंथेटिक दवाओं की तस्करी को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकारी वाहनों, सुरक्षा और आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग किया है. सूत्रों ने कहा कि मजीठिया के खिलाफ तत्कालीन एडीजीपी और एसटीएफ प्रमुख हरप्रीत सिद्धू द्वारा 2018 में उच्च न्यायालय को सौंपी गई 34 पन्नों की एसटीएफ रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है.
अकाली दल ने क्या आरोप लगाए?
अकाली दल के नेताओं का आरोप है कि मजीठिया के खिलाफ एफआईआर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दबाव में दर्ज की गई है. अकाली दल का बीते कुछ दिनों से ये आरोप रहा है कि राज्य सरकार पंजाब पुलिस के अफसरों पर लगातार बिक्रम सिंह मजीठिया और पार्टी के दूसरे नेताओं के खिलाफ मुकदमा दायर करने का दबाव बना रही है.
AAP को लेकर सिद्धू का ट्वीट
इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर बिक्रम मजीठिया को बचाने के लिए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ गुप्त समझौता करने का आरोप लगाया है. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा है, ‘आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पहले मजीठिया को “सॉरी सर” कहा, अब वे अकाली विधायक दीप मल्होत्रा के साथ मिलकर दिल्ली में शराब माफियागिरी चला रहे हैं. आप ने 75-25 सिस्टम का समर्थन किया है, इसलिए वे कह रहे हैं कि ईडी और एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर एक स्टंट है.’