अमित शाह से मिले CM चरणजीत सिंह चन्नी, लखीमपुर खीरी की घटना और प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर जताई आपत्ति
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पहुंचे. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री चन्नी ने लखीमपुर खीरी मामला समेत कई मुद्दों पर गृहमंत्री से चर्चा की. इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, ‘मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया. मैंने उनसे ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए पंजाब के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने के लिए भी कहा.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे यह भी कहा कि हम यूपी (लखीमपुर खीरी) में बर्बर हत्याएं बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे नेताओं को गिरफ्तार करने की यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए. मैंने उनसे करतारपुर कॉरिडोर जल्द से जल्द खोलने का अनुरोध किया. उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही फैसला लेगी.’ दिल्ली पहुंचने से पहले सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने लखीमपुर की घटना को सीधे तौर पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के समान बताया था. उन्होंने ये भी कहा था कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही जल्द से जल्द होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि वो लखीमपुर हिंसा मामले को केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे.
Delhi | Punjab CM Charanjit Singh Channi arrives at residence of Union Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/YfoFKwIyxI
— ANI (@ANI) October 5, 2021
वहीं, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुए बवाल में मारे गए 4 किसानों में से 2 किसानों के परिवार वालों ने दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया है. इस दौरान परिवार वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं. वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘खेल’ हो सकता है. इस मामले की सूचना मिलते ही लखनऊ रेंज की IG लक्ष्मी सिंह धौरहरा के किसान नक्षत्र सिंह के गांव पहुंचीं और उनके परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश में जुटी हुई हैं.
दरअसल, लखीमपुर खीरी जिले में बीते दिन हुए हिंसक बवाल में कई लोगों की जान चली गई थी, जिसके चलते पलिया के लवप्रीत सिंह और धौरहरा में किसान नक्षत्र सिंह का मंगलवार सुबह यानी कि आज अंतिम संस्कार होना था. जिसके चलते परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. वहीं, परिवार वालों का कहना है कि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई. इस मामले को बढ़ता देख जिलेभर के स्थानीय नेता भी गांव पहुंच गए हैं.
किसानों से इन 4 शर्तों पर बनी थी सहमति
गौरतलब है कि इससे पहले कल मृतकों के परिवार वालों को 45-45 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी. साथ ही घायलों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जज से कराने की सहमति के बाद परिवार वाले अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए थे. वहीं, बवाल भड़कने के बाद भड़के लोगों ने 4 शवों को बीते रविवार तिकुनिया गांव के बाहर सड़क पर रख दीं थी. वहीं, नाराज ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन को दो टूक जवाब दे दिया था कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी होती, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.