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सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की चेतावनी के बाद केंद्र का वादा, सेना की 11 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन के रूप में दी जाएगी तरक्की

सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अवमानना की केस चलाने की चेतावनी देने के बाद अब केंद्र सरकार नरम रुख अपनाती नजर आ रही है. केंद्र सरकार एक हफ्ते के अंदर कुछ और महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने को तैयार हो गई है. केंद्र ने आश्वासन दिया कि वह सभी योग्य महिला सेना अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन विकल्प शुरू करेगा. वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया है कि स्थायी कमीशन के लिए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करने वाली 11 महिला सेना अधिकारियों के संबंध में 10 दिनों के भीतर जल्द निर्णय लिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सेना को लगाई फटकार

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेना को फटकार लगाते हुए कहा था कि आपने कोर्ट की अवमानना की है, फिर भी एक मौका आपको दिया जा रहा है. दरअसल पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया था कि सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन मिलना चाहिए. महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं हो सकता.

इस फैसले के बाद कई महिलाओं को सेना ने स्थाई कमीशन दिया है, लेकिन कुछ महिलाओं को मेडिकल या किसी अन्य वजह से स्थाई कमीशन नहीं दिया गया है. ऐसी 72 महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल की थी. इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने सेना के रवैए पर खूब खरी-खोटी सुनाई.

सेना की तरफ से क्या कहा गया?

सेना की तरफ से फिर बताया गया कि फिलहाल 72 में से सिर्फ 14 महिलाओं को मेडिकली अनफिट पाया गया है. इसके अलावा एक महिला का मामला विचाराधीन है. बाकी महिलाओं को परमानेंट कमीशन के लिए चिट्ठी भेज दी गई है. हालांकि आज सेना के वकील ने पीठ से कहा कि हम उन 11 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने को तैयार हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इससे खुश नहीं हुआ.

39 महिला अधिकारियों को दी गई थी स्थायी कमीशन

इससे पहले भारतीय सेना ने 29 अक्टूबर को 39 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान किया था. सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई जीतने के बाद सेना की 39 महिला अफसरों को 22 अक्टूबर को स्थायी कमीशन मिला था. सुप्रीम कोर्ट ने सेना से उन्हें 1 नवंबर तक स्थायी कमीशन देने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि सात कार्य दिवसों के भीतर इन महिला अफसरों को नई सेवा का दर्जा दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने 25 अन्य महिला अधिकारियों को परमानेंट न देने के कारणों के बारे में पूरी जानकारी देने का निर्देश भी दिया था. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया 71 में से 39 को स्थायी कमीशन दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में ASG संजय जैन ने बताया 72 में से एक महिला अफसर ने सर्विस से रिलीज करने की अर्जी दी, इसलिए सरकार ने 71 मामलों पर पुनर्विचार किया.

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