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अपने ही नागरिकों वाले प्‍लेन को लैंडिंग की मंजूरी नहीं दे रहा अमेरिका, काबुल से किया था टेक ऑफ

अमेरिका ने मंगलवार को उस अमेरिकी चार्टर प्‍लेन को लैंडिंग की इजाजत देने से इनकार कर दिया जिसने अफगानिस्‍तान  की राजधानी काबुल से टेक ऑफ कर दिया था. फ्लाइट के आयोजकों की मानें तो इस प्‍लेन में 100 से ज्‍यादा अमेरिकी और अमेरिकी ग्रीन कार्ड होल्‍डर्स शामिल थे. इन सभी को अफगानिस्‍तान से निकाला गया था. अमेरिका के होमलैंड विभाग की तरफ से मंजूरी न देने का फैसला किया गया था. डिपार्टमेंट ऑफ कस्‍टम्‍स एंड बॉर्डर प्रोटेक्‍शन एजेंसी के प्रोजेक्‍ट डायनमो के फाउंडर ब्रायन स्‍टर्न की तरफ से इस मामले पर और ज्‍यादा जानकारी दी गई है. ब्रायन ने बताया है, ‘वो किसी भी इंटरनेशनल चार्टर फ्लाइट को अमेरिका में आने की मंजूरी नहीं देंगे.’ स्‍टर्न ने न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स के साथ बातचीत में यह बात कही है.

फ्लाइट में सवार थे 117 लोग

स्‍टर्न अपने ग्रुप के साथ कैम एयर की चार्टर्ड फ्लाइट में थे. यह एक प्राइवेट अफगान एयरलाइंस है और ब्रायन की मानें तो उन्‍हें काबुल से आने के बाद अबु धाबी एयरपोर्ट पर 14 घंटे तक का इंतजार करना पड़ा था. जो फ्लाइट अबु धाबी पहुंची थी उसमें 117 लोग सवार थे जिसमें 59 बच्‍चे भी थे. ब्रायन का ग्रुप उन कई ग्रुप्‍स में शामिल है जो अमेरिकी सेना के वेटरंस, वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों और कई दूसरे लोगों के लिए कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर काम कर रहा था. ये कई एडहॉक ग्रुप्‍स के नेटवर्क का हिस्‍सा था. फिलहाल होमलैंड डिपार्टमेंट की तरफ से इस खबर पर कोई टिप्‍पणी नहीं की गई है.

बाइडेन प्रशासन बोला, कोई जानकारी नहीं

वहीं, राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के एक अधिकारी की तरफ से नाम न बताने की शर्त पर कहा गया है कि उन्‍हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. अधिकारियों की मानें तो अमेरिकी सरकार आमतौर पर चार्टर प्‍लेंस को उड़ान की मंजूरी देने और लैंडिंग से पहले इसकी पूरी जांच करती है. अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों की मानें तो अमेरिकी नागरिकों और ग्रीन कार्ड होल्‍डर्स को अफगानिस्‍तान से निकालना उनकी सर्वोच्‍च प्राथमिकता है. विदेश विभाग की तरफ से बताया गया था कि करीब 100 अमेरिकी और कानूनी तौर पर स्‍थायी नागरिक अफगानिस्‍तान छोड़ने के लिए रेडी हैं.

देश पहुंचने के इंतजार में लोग

28 अमेरिकी, 83 ग्रीन कार्ड होल्‍डर्स और अमेरिकी स्‍पेशल इमीग्रेशन वीजा वाले 6 लोगों को कैम एयर की फ्लाइट में जगह दी गई थी. ब्रायन की मानें तो ये सभी 20 साल तक अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सेना के लिए काम कर रहे थे. उनका कहना था कि उन्‍होंने पैसेंजर्स को चार्टर्ड इथोपियन एयरलाइंस के प्‍लेन पर बोर्ड करने की योजना बनाई थी. इस प्‍लेन को जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करने की मंजूरी दी गई थी जो कि न्‍यूयॉर्क में है. मगर कस्‍टम ने इसे ड्यूल्‍स इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड की क्‍लीयरेंस दी जो कि वॉशिंगटन के बाहर है. अंत में इसे अमेरिका में किसी भी एयरपोर्ट पर लैंडिंग की मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया. अब इन सभी लोगों को अमेरिका भेजने की कोशिशें जारी हैं.

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