तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत के एक ट्वीट से नया विवाद खड़ा हो गया है। शुक्रवार को राकेश टिकैत ने एक ट्वीट कर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मदद मांगी है और कहा है कि वे तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने में दखल दें। जो बाइडेन को टैग करते हुए राकेश टिकैत ने लिखा, ‘प्रिय जो बाइडेन, हम भारतीय किसान मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन करते हुए बीते 11 महीने में 700 किसानों की मौत हो चुकी है। इन कानूनों को हमारे बचाव के लिए वापस लिया जाना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी से मीटिंग के दौरान हमारी चिंताओं का भी ख्याल रखें।’
उनके इस ट्वीट के बाद से ट्विटर पर #Biden_SpeakUp4Farmers ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। शुक्रवार को ही पीएम नरेंद्र मोदी की क्वाड देशों के नेताओं से मुलाकात होने वाली है। इन देशों में भारत और अमेरिका के अलावा जापान एवं ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए करीब एक साल पूरा होने वाला है। बीते साल अक्टूबर की शुरुआत में ही इस आंदोलन की शुरुआत हो गई थी। इसी साल की शुरुआत में पॉप स्टार रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग और पोर्न स्टार मिया खलीफा समेत कई विदेशी हस्तियों ने इन कानूनों को लेकर टिप्पणी की थी।
Dear @POTUS, we the Indian Farmers are protesting against 3 farm laws brought by PM Modi's govt. 700 farmers have died in the last 11 months protesting. These black laws should be repealed to save us. Please focus on our concern while meeting PM Modi. #Biden_SpeakUp4Farmers
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 24, 2021
तब इस बात को लेकर विवाद छिड़ गया था कि आखिर गैर-भारतीय लोग इस मसले पर टिप्पणी क्यों कर रहे हैं। यही नहीं ग्रेटा थनबर्ग इस मामले में एक टूलकिट शेयर कर घिर गई थीं। यही नहीं टूलकिट केस की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को अरेस्ट भी किया था। अब राकेश टिकैत की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति से अपील के चलते विवाद छिड़ सकता है। दरअसल दूसरे देश के प्रमुख की ओर से इस मामले में दखल की अपील किए जाने को लेकर वह घिर सकते हैं। राकेश टिकैत के ट्वीट को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की सदस्य कविता कुरुगांती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना इस आंदोलन के हर स्तर पर मजबूत होने के लिए जरूरी है। मैं निजी तौर पर मानती हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।