जमीन की खरीद-बिक्री करने में जो कागजी प्रक्रियाएं होती हैं, उसमें बड़ी माथापच्ची होती है. जमीन की रजिस्ट्री से लेकर उसके म्यूटेशन यानी नामांतरण वगैरह यानी अपने नाम पर जमीन लिखवाने की प्रक्रिया अक्सर जटिल ही रही है. बहुत सारे लोगों को यह झंझट वाला काम लगता है. बहुत सारे लोगों को तो ढंग से इसका प्रॉसेस तक पता नहीं होता.
राहत की बात यह है कि आने वाले समय में इन प्रक्रियाओं को आसान कर दिया जाएगा. दरअसल बिहार सरकार जमीन रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रही है. नई व्यवस्था को लेकर फिलहाल शेखपुरा जिले के एक गांव का चयन किया गया है. इस नई व्यवस्था में रजिस्ट्री में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि साथ ही साथ म्यूटेशन भी हो जाएगा.
IIT की मदद से तैयार की जा रही नई व्यवस्था
नई व्यवस्था विकसित करने के लिए आईआईटी, रुड़की की मदद ली जा रही है. आईआईटी रुड़की की टीम के मुताबिक, रजिस्ट्री और म्यूटेशन की इस प्रक्रिया से कम मानव बल का इस्तेमाल होगा और काफी कम समय में जमीन का म्यूटेशन हो जाएगा. बिहार के सबसे छोटे जिलों में शामिल शेखपुरा के घाट कुसुम्बा प्रखंड के एक गांव में इसका प्रयोग किया जाएगा.
राजस्व विभाग की ओर से आईआईटी की टीम को उस गांव का नक्शा और जमीन के स्वामित्व का पूरा ब्यौरा दिया जाएगा. रिसर्च टीम को 15 दिन का समय दिया गया है. टीम इस गांव में जाकर प्रयोग करेगी और फिर सरकार को बताएगी कि राज्यभर में इसे कैसे लागू किया जाए.
कैसी होगी पूरी प्रक्रिया?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमीन की रजिस्ट्री के लिए कोई आदमी जब आवेदन देगा तो सबसे पहले सर्वेयर या अमीन संबंधित प्लॉट पर जाएंगे. वहां वे बिकने वाली जमीन के प्लॉट का नक्शा बनाएंगे. सर्वेयर या अमीन के प्लॉट पर जाने की सूचना जमीन बेचने और खरीदने वाले को दी जाएगी. उनकी मौजूदगी में ही जमीन की चौहद्दी, खाता, खेसरा और रकबा के साथ प्लॉट का नक्शा बनेगा, जो रजिस्ट्री के साथ लगेगा. सबकुछ होने के बाद अंचलाधिकारी म्यूटेशन का प्रमाण पत्र देंगे.
अभी क्या है व्यवस्था और क्या होगा बदलाव?
अभी म्यूटेशन में कागज पर जमीन खरीदने वाले खरीददार का नाम दर्ज हो जाता है. नई व्यवस्था के तहत बदलाव यह होगा कि दस्तावेज में कागज पर नाम परिवर्तन के साथ ही प्लॉट का नक्शा (स्पेसियल मैप) और फोटो भी रहेगा. इस फोटो में खाता, खेसरा और रकबा भी दर्ज रहेगा. इससे चौहद्दी का विवाद पैदा नहीं होगा. रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन कराने के झंझट से भी लोग बचेंगे. नई व्यवस्था लागू होने के बाद बिहार, रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन का नक्शा देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.