लखनऊः विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जहां विपक्ष अपनी कमर कस कर मैदान में उतर चुका है, तो वहीं विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी भी कोई कसर नहीं छोड़ने के मूड में है। दरअसल, चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आगमी 7 और 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष के दौरे को लेकर भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव के लिहाज से नड्डा का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
2022 का सियासी संग्राम पर विजयी होने के लिए भाजपा ने एक अहम रणनीति बनाई है। पार्टी का खास ध्यान उन 60 सीटों पर रहेगा जहां भाजपा आज तक कभी नहीं जीत पाई है। इन सीटों पर पार्टी ने जीत की जिम्मेदारी अपने विधायक, राज्यसभा सांसदों और बोर्ड और निगम के अध्यक्षों और पार्टी के पदाधिकारियों को सौंपी है। माना जा रहा है कि बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी दिशा-निर्देश दे सकते हैं।
हारी हुई सीटों पर है फोकस
बता दें कि, साल 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली बार ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए 312 सीटों पर विजय हासिल की थी। उस वक्त अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी 325 सीटों पर काबिज हुई, लेकिन इस आंधी में भी लगभग 80 सीटें ऐसी थी जिनपर ना तो बीजेपी और ना ही उसके सहयोगी जीत पाए, यहां विपक्षी पार्टियों को जीत मिली थी। अब जब विधानसभा चुनाव बेहद करीब है तो पार्टी इस रणनीति में जुटी है कि कैसे इस बार भी 300 सीटों पर कमल खिलाया जाए, इनमें खास फोकस उस वक्त हारी हुई लगभग 80 सीटों पर है, जहां 2017 में पार्टी को जीत हासिल नहीं हुई थी।
दिलचस्प होगा मुकाबला
2022 के विधानसभा चुनाव में जुटी सत्ताधारी बीजेपी की कोशिश यही है कि इस बार सरकार के कामकाज के जरिए उन सीटों पर भी जीत हासिल की जाए जहां अब तक पार्टी को कभी भी जीत नहीं मिली है। इसीलिए वहां पार्टी ने अलग रणनीति के तहत प्रभारी भी नियुक्त किए हैं। इन सीटों की जिम्मेदारी इन्हीं प्रभारियों के कंधों पर है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर सीटें विपक्षी दलों की परंपरागत सीट मानी जाती रही हैं और ऐसे में उनके इस अभेद्य दुर्ग को बीजेपी कैसे फतह करेगी ये देखना काफी दिलचस्प होगा।