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इन मुद्दों के साथ अखिलेश यादव 2012 का इतिहास दोहराने की कर रहे तैयारी

लखनऊ। साल 2012 में साइकिल यात्रा निकालकर बहुजन समाज पार्टी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले अखिलेश यादव एक बार फिर उसी अंदाज को दोहराने वाले हैं। इस बार अखिलेश यादव लखनऊ में साइकिल यात्रा निकालकर बीजेपी की योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर चुके हैं। आगामी पांच अगस्त को अखिलेश यादव लखनऊ में साइकिल यात्रा निकालेंगे।
अखिलेश यादव अब योगी सरकार को महंगाई, कृषि कानूनों, बेरोजगारी, युवाओं, आरक्षण, अपराध के मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर चुके हैं। इसको लेकर पूरी योजना तैयार कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव की यह साइकिल यात्रा चुनावी रूप से महत्वपूर्ण होगी। जिसके बाद पूरे प्रदेश में सपाई प्रदर्शनों की शुरूआत करेंगे।
महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे
अखिलेश यादव के रूख से साफ है कि सपा इस बार महंगाई जैसे मुद्दे को प्रमुख रूप से उठाएगी। इसको लेकर अखिलेश यादव और पार्टी स्तर से लगातार योगी सरकार को घेरने की कवायद की जा रही है। अभी हाल ही में गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर भी अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया था।
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था कि कामर्शियल सिलेंडर के दाम फिर लगभग 75 रूपए बढ़े हैं। इससे उन लोगों को ख़ासतौर से उन युवाओं पर महंगाई की मार और भी पड़ेगी जो काम-रोजगार के सिलसिले में बाहर खाने-पीने पर मजबूर हैं। उप्र के युवा ‘भाजपाई-महंगाई’ का जवाब 2022 में भाजपा की गेंद को यूपी के स्टेडियम से बाहर करके देंगे।

इसके अलावा लगातार महंगाई के आसमान को छू रहे डीजल और पेट्रोल के दामों को लेकर भी अखिलेश यादव मुखर हो रहे हैं। सपा ने इसको लेकर तैयारी कर शुरू कर दी है। जल्द ही इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी सदन और सड़क दोनों जगह उठाएगी।
कृषि कानूनों के बहाने वार की तैयारी
अखिलेश यादव कृषि कानूनों के विरोध के जरिए भी किसानों को अपनी ओर लाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। सपा और रालोद का गठबंधन जगजाहिर है। ऐसे में पश्चिमी यूपी के किसानों में अपने विश्वास को और मजबूत करने की कोशिशों को अखिलेश रंग देने में जुटे हुए हैं। अखिलेश की इस साइकिल यात्रा में कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया जाएगा।
बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं को जोड़ने की मुहिम
अखिलेश यादव बेराजगारी का मुद्दा उठाकर युवाओं को भी अपने पाले में लाने की कवायदों में जुट गए हैं। दावा किया जा रहा है कि शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती आदि के लिए आंदोलन कर रहे युवाओं से अखिलेश यादव मुलाकात भी कर सकते हैं। इसके अलावा बेरोजगारी को चुनावी मुद्दा बनाएंगे।
आरक्षण पर सरकार को घेरेंगे
अपनी सरकार के दौरान त्रिस्तरीय आरक्षण विवाद, प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने को लेकर किरकीरी कराने वाली समाजवादी पार्टी इस बार आरक्षण को भी मुद्दा बनाएगी। हाल ही में नीट में ओबीसी के आरक्षण को लेकर हुए विवाद में भी सपा ने आवाज उठाई थी। इस बार सपा आरक्षण को अपना हथियार बनाने का मूड बना चुकी है। इस मुद्दे पर वो आरएसएस और बीजेपी को घेरने की रणनीति तैयार कर रही है।
आजम खां के बहाने मुसलमानों को पास रखने की कवायद
कई मामलों में सजा पाए सपा के कद्दावर नेता आजम खां को जेल भेजे जाने और बीमारी के बाद भी कोई राहत नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाएगी। आजम खां को लेकर सपा मुखिया आलोचकों के निशाने पर हैं। इसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ सकता है।

आलोचकों का कहना है कि अपना पूरा जीवन सपा को समर्पित करने वाले आजम खां को जेल हुई तो सपा मुखिया ने आवाज नहीं उठाई। इस मामले को लेकर अब अखिलेश यादव मुखर होने की प्लानिंग तैयार कर चुके हैं। ताकि, मुस्लिमों में उनके प्रति नाराजगी ना फैले।

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