उत्तर प्रदेशकानपुर

उप्र की पुलिस फिर विवादों में घिरी, कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों पर डकैती का मुकदमा दर्ज

कानपुर। कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है कि जिसको सुनकर आप हैरान रहे जाएंगे। आपने अक्सर सुना होगा कि संगत का असर जरूर होता है। उत्तर प्रदेश पुलिस पर यह लाइन बिल्कुल सटीक बैठती है। यहां चोरों, बदमाशों को पकड़ते-पकड़ते खुद खाकी पुलिस बदमाश बन गई। मामला कानपुर से जुड़ा है, जहां लखनऊ क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा डकैती डालने का प्रकरण प्रकाश में आया है। कोर्ट के आदेश पर काकादेव थाने में आठ पुलिस कर्मियों पर डकैती समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोप है कि बीबीए छात्र, उसके मामा व दोस्तों को उठाकर फर्जी मुकदमें में जेल भेजने की धमकी देकर 40 लाख रुपये वसूले थे। वही दबिश के दौरान घर से जेवरात भी लूट ले गए थे। शिकायत होने पर तीनों के खिलाफ गोमती नगर थाने में जुआ अधिनियम में एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा था। इस मामले की कानपुर और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सुनवाई न होने पर पीड़ित ने कोर्ट की मदद से लखनऊ के आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कानपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पुलिस वालों ने दबिश के बहाने घर में डाला था डाका

जनपद के काकादेव क्षेत्र स्थित शास्त्री नगर में रहने वाले मयंक बीबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। मयंक के मुताबिक, साल की शुरूआत में 24 जनवरी की शाम को वह अपने दोस्त जमशेद व आकाश गोयल के साथ काकादेव इलाके में ही चाय पी रहा था। जब मयंक व आकाश चाय पीकर वह घर के लिए चले तो डबल पुलिया के पास एक स्विफ्ट डिजायर कार (यूपी 32 एलई 2282) और बिना नंबर वाली नीले रंग की टाटा सूमो गोल्ड वहां आकर रुकी। इसमें लखनऊ डीसीपी पूर्वी की क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी मौजूद थे।

आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने मयंक व आकाश गोयल को कार में उठा ले गए। लखनऊ कैंट थाने में मारा पीटा। फिर यहां से हजरतगंज में मयंक के मामा के घर जाकर दुर्गा सिंह को उठा लिया। फिर कोचिंग संचालक शमशाद को लेकर फिर कैंट थाने आते हैं। टॉर्चर करने के बाद 25 जनवरी के तड़के करीब साढ़े तीन बजे इन सभी को लेकर पुलिसकर्मी मयंक के घर पर दबिश देते हैं। आरोप है यहां से तीस हजार रुपये की नकदी व एक हार का सेट ले जाते हैं। इसके बाद फिर लखनऊ ले जाते हैं। वही, जब पुलिसकर्मियों ने खुद को फसते देखा तो वसूली की रकम को जुए में बरामदगी दिखाते हुए खुलासा कर दिया।

घर में डाका डालने के बाद में पीड़ित मयंक के परिवार वालों से आरोपी पुलिस वाले छोड़ने के बदले में 01 करोड़ रुपए की मांग करते हैं। इसके बाद 40 लाख रुपये में सेटलमेंट की बात तय होती है। उसी दिन सुबह परमट चौराहे पर पुलिसकर्मी यह रकम लेते हैं। जब इसकी शिकायत तत्कालीन डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से की जाती है तो इसकी भनक आरोपी पुलिसकर्मियों को लग जाती है। जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी साजिश के तहत दुर्गा सिंह, मयंक सिंह, शमशाद अहमद, मुश्ताक, आकाश गोयल पर गोमती नगर जुआ अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाकर 23 लाख रुपये की रिकवरी दिखाते हैं।

यह है आरोपी पुलिस कर्मी, जिन पर दर्ज है मुकदमा

न्यायालय के आदेश पर 09 नवम्बर को कानपुर कमिश्नरेट ने काकादेव थाने में दरोगा रजनीश वर्मा, सिपाही देवकी नंदन, संदीप शर्मा, नरेंद्र बहादुर सिंह, राम निवास शुक्ला, आनंद मणि सिंह, अमित लखेड़ा व रिंकू सिंह पर डकैती, धमकी देने, गाली-गलौज करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद काकादेव इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वही अभी तक इस पूरे मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस पूरे प्रकरण में कानपुर कमिश्नरेट के डीसीपी पश्चिम बीबीटीजीएस मूर्ति ने बताया कि आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ काकादेव थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ विवेचना की जा रही है। मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

The Global Post

The Global Post Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 5 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button