उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

लखीमपुर हिंसा को SIT ने भी सोची समझी साजिश माना, आशीष मिश्रा समेत 14 पर चलेगा मर्डर का केस

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Violence) हिंसा केस में नया मोड़ आ गया है. मामले की जांच के लिए गठित SIT ने भी माना है कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी. एसआईटी ने अब आरोपियों पर लगाई गई धाराएं भी बदल दी हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) समेत 14 आरोपियों पर अब गैर इरादतन हत्या की जगह हत्या का केस चलेगा. आज आरोपियों की कोर्ट में पेशी भी होनी है.

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर किया है. इसके तहत 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के अंतर्गत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया गया है. एसआईटी जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने पिछले हफ्ते सीजेएम की अदालत में आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया है.

प्लानिंग कर अपराध करने का आरोप

लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों पर जांच के बाद धाराएं बदली गई हैं. सभी आरोपियों पर जानबूझकर प्लानिंग करके अपराध करने का आरोप है. एसआईटी ने IPC की धाराओं 279, 338, 304 A को हटाकर 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149, 3/25/30 लगाई हैं. जांच अधिकारी ने बताया कि घटना सुनियोजित और एक जानबूझकर किया गया कार्य था, न कि लापरवाही थी.

जांच अधिकारी ने धारा 279 को बदलने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 34 (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य), 279 (सार्वजनिक रास्ते पर तेज गति से वाहन चलाना या सवारी करना), 338 (जो कोई इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है) और 304ए (लापरवाही से मौत का कारण) को जोड़ने का अनुरोध किया है.

प्रदर्शन कर रहे किसानों पर चढ़ाई थी गाड़ी

बता दें कि इसी साल तीन अक्टूबर को यूपी में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था, जब वह एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे. घटना के बाद हुई हिंसा में भी कुछ लोग मारे गए. घटना के दौरान एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप भी मारे गए थे. किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. सुप्रीम कोर्ट में मामले की पहली सुनवाई आठ अक्टूबर को हुई थी. हिंसा के कई दिनों के बाद आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 9 अक्टूबर कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.

एसआईटी ने अब तक आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ, शिशुपाल, नंदन सिंह, सत्यम त्रिपाठी, सुमित जायसवाल, धर्मेंद्र बंजारा, रिंकू राणा और उल्लास त्रिवेदी को गिरफ्तार किया है. वे लखीमपुर खीरी जिला जेल में बंद हैं. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद शाही ने चल रही जांच से कोर्ट को अवगत कराया. शाही ने कहा कि अभी बड़ी संख्या में गवाहों के बयान दर्ज किए जाने हैं.

The Global Post

The Global Post Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 5 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button