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22 राज्यों में 19 रुपये तक कम हुए पेट्रोल-डीजल के दाम, इन 14 राज्यों ने नहीं की कटौती, यहां बिक रहा सबसे महंगा पेट्रोल, देखें लिस्ट

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर एक बार फिर राजनीति में उबाल देखने को मिल रहा है. इस बार, हमेशा कीमत में उछाल के लिए निशाने पर रहने वाली बीजेपी, विपक्षी पार्टियों पर हावी नजर आ रही है. पेट्रोल एवं डीजल पर केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क यानी वैट कम करने के फैसले के बाद कई राज्यों ने भी अपने वैट में कटौती की है. हालांकि, इसके बावजूद भी कई राज्य ऐसे हैं जहां की सरकारों ने कोई कटौती नहीं की है.

पेट्रोलियम उत्पादों के बेतहाशा बढ़ते दाम से देश की बड़ी आबादी में फैले असंतोष को देखते हुए केंद्र सरकार ने बीते बुधवार को इन पर लागू उत्पाद शुल्क यानी वैट में कटौती की घोषणा की थी. इस फैसले के मुताबिक, पेट्रोल पर लागू उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लागू शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई. उसके फौरन बाद भाजपा-शासित राज्यों ने भी स्थानीय वैट की दरों में कटौती कर दी. देश के 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पेट्रोल एवं डीजल के दाम में अलग-अलग स्तर की कटौती देखी गई.

14 राज्यों में कम नहीं हुए तेल के दाम

हालांकि, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों ने स्थानीय शुल्क में अभी कटौती नहीं की है. तेल मंत्रालय ने कहा कि 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने बुधवार को उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद पेट्रोल और डीजल पर वैट कम कर दिया है. केंद्र ने कहा कि हालांकि, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्य 14 ऐसे राज्यों में शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक अपने राज्य में तेल कीमतों को लेकर वैट कम नहीं किए हैं.

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि जब से केंद्र ने उत्पाद शुल्क कम किया है, बेंगलरु पेट्रोल में 13.35 रुपये और डीजल की कीमत में 19.49 रुपये प्रति लीटर की गिरावट के साथ बड़े शहरों की सूची में सबसे ज्यादा गिरावट के साथ सबसे ऊपर है. सरकार ने विपक्ष पर निशआना तब साधा है जब कई विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों ने वैट में तत्काल कटौती से इनकार कर दिया, जबकि ओडिशा ने शुक्रवार आधी रात से वैट को 3 रुपये प्रति लीटर कम करने का फैसला किया.

इन राज्यों ने घटाए दाम

पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क घटने के बाद स्थानीय वैट कम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों में कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं लद्दाख शामिल हैं.

स्थानीय वैट शुल्क न सिर्फ पेट्रोल-डीजल की आधार कीमतों बल्कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क पर भी निर्भर करता है. इस वजह से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के फैसले का विभिन्न राज्यों में प्रभावी असर अलग-अलग रहा. जिन राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर ज्यादा वैट वसूला जाता था, वहां पर यह असर कहीं ज्यादा रहा. दिल्ली में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 6.07 रुपये और डीजल पर 11.75 रुपये प्रति लीटर कम हो गया.

अब कहां है सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल?

शुल्कों में कटौती के बाद अब सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान के जयपुर में 111.10 रुपये प्रति लीटर के भाव पर है जिसके बाद मुंबई (109.98) और आंध्र प्रदेश (109.05) का स्थान है. दूसरी तरफ अधिकांश भाजपा-शासित राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से नीचे आ गए हैं. हालांकि मध्य प्रदेश में यह 107.23 रुपये और बिहार में 105.90 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर है.

इसी तरह सबसे महंगा डीजल भी राजस्थान के जयपुर में 95.71 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. आंध्र प्रदेश में डीजल का दाम 95.18 रुपये और मुंबई में 94.14 रुपये प्रति लीटर है. वहीं मिजोरम में 79.55 रुपये प्रति लीटर के भाव के साथ सबसे सस्ता डीजल मिल रहा है. दिल्ली में पेट्रोल का भाव 103.97 रुपये और डीजल का भाव 86.67 रुपये प्रति लीटर है.

किस शहर में कितने कम हुए पेट्रोल के दाम

  • मुंबई- 5.87 रुपये प्रति लीटर
  • दिल्ली- 6.07 रुपये प्रति लीटर
  • कोलकाता- 5.28 रुपये प्रति लीटर
  • चेन्नई- 5.26 रुपये प्रति लीटर
  • हैदराबाद- 6.29 रुपये प्रति लीटर
  • बेंगलुरु- 13.35 रुपये प्रति लीटर
  • गांधीनगर- 11.53 रुपये प्रति लीटर
  • लखनऊ- 11.68 रुपये प्रति लीटर

कितना नीचे गिरा डीजल

  • मुंबई- 12.48 रुपये प्रति लीटर
  • दिल्ली- 11.75 रुपये प्रति लीटर
  • कोलकाता- 11.77 रुपये प्रति लीटर
  • चेन्नई- 11.16 रुपये प्रति लीटर
  • हैदराबाद- 12.78 रुपये प्रति लीटर
  • बेंगलुरु- 19.49 रुपये प्रति लीटर
  • गांधीनगर- 17 रुपये प्रति लीटर
  • लखनऊ- 12.11 रुपये प्रति लीटर

केरल सरकार का पलटवार

भाजपा ने कहा कि जो राज्य लगातार केंद्र से तेल पर राहत चाहते थे आज वो अपने राज्यों में इस फैसले को लेने से पीछे हट रहे हैं. केरल उन राज्यों में सबसे आगे था जिसने वैट में कटौती से इनकार किया है. केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा, ‘इस मांग के पीछे कोई तर्क नहीं है कि केरल को वैट में कटौती करनी चाहिए. केंद्र प्रति लीटर ईंधन पर राज्य की तुलना में अधिक कर वसूलता है. यह कहना गलत होगा कि केरल में कीमतों में कोई अतिरिक्त कटौती नहीं की गई. क्योंकि केंद्र द्वारा डीजल पर 10 रुपये और पेट्रोल पर 5 रुपये की कटौती की गई तो केरल में पेट्रोल की कीमत 12.30 रुपये और डीजल 6.56 रुपये प्रति लीटर तक कम हो गया. अतिरिक्त कमी में केरल का योगदान है.’

शरद पवार ने की जीएसटी मुआवजे की मांग

एनसीपी प्रमुख शरद पवार, जिनकी पार्टी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, ने सुझाव दिया कि केंद्र को राज्यों को जीएसटी का मुआवजा जारी करना चाहिए ताकि वे वैट कम कर सकें. हालांकि, उनकी इस टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने संकेत दिया कि राज्य में तेल की कीमतों में फिलहाल कोई कमी नहीं की जा रही.

दिल्ली और केरल में विपक्ष की पार्टी कांग्रेस आम आदमी पार्टी और वाम मोर्चा सरकारों से वैट में कमी की मांग की. बहरहाल, केंद्र द्वारा केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद से भाजपा नेता विपक्षी शासित राज्यों पर वैट में कटौती के लिए दबाव बना रहे हैं. बीजेपी ने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार और बीजेपी शासित राज्यों में तेल की कीमतों में लोगों को राहत मिल सकती है, तो कांग्रेस के राज्यों में क्यों नहीं.’

बुधवार रात घोषित उत्पाद शुल्क में केंद्र सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कटौती की. इसके साथ ही मार्च 2020 और मई 2020 के बीच पेट्रोल और डीजल पर करों में क्रमश: 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है. उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर हो गया था.

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