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विधानसभा चुनाव तक जनता पर नहीं लगेगा कोई नया टैक्स, बिजली भी सस्ती करने की तैयारी

यूपी विधानसभा चुनावों में अब कुछ ही महीने रह गए हैं ऐसे में सरकारी नीतियों पर भी इसका असर अब साफ़ नजर आने लगा है. योगी सरकार (CM Yogi Aditya Nath) ने साफ़ कर दिया है कि चुनावों तक वो जनता पर किसी भी तरह का नया टैक्स नहीं लगाने वाली है. इसी फैसले के तहत ताजमहल के दीदार के लिए टिकट दर बढ़ाए जाने का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है. इसके अलावा शहरों में सुविधा के आधार पर टैक्स लगाने संबंधी संस्तुति पर भी अमल रोक दी गई है. उधर विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी राज्य में बिजली की दरों को घटाने से संबंधित प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है.

मिली जानकारी के मुताबिक़ आगरा विकास प्राधिकरण ने ताजमहल दीदार के लिए लगने वाले टिकट पर पथकर लगाने का फैसला बोर्ड से करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा था. आवास विभाग इससे जुड़ा हुआ प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराना चाहता था, इसके लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन इसे यह कहते हुए लौटा दिया गया कि अभी उचित समय नहीं है. इससे साफ है कि अभी ताज महल दीदार के लिए टिकट नहीं बढ़ाने वाला है. निकायों की आय बढ़ाने के लिए पंचम राज्य वित्त आयोग ने कुछ जरूरी सेवाओं पर कर लगाने की संस्तुति की है. इंटरनेट सेवाओं के साथ कुछ नए लाइसेंस शुल्क लगाने की संस्तुति की गई है. हालांकि नगर विकास विभाग फिलहाल चुनाव तक इस पर अमल नहीं करने जा रहा है. योगी सरकार की तरफ से स्पष्ट संदेश है कि चुनावों तक लोगों पर कोई भी अतिरिक्त बोझ न डाला जाए.

बिजली की दर भी घटाई जा सकती है

उधर यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश सरकार से उपभोक्ताओं के बिजली दरों को कम कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियों पर निकल रहे उपभोक्ताओं के 20596 करोड़ के एवज में बिजली दरें कम की जाएं. परिषद की याचिका पर नियामक आयोग द्वारा पावर कारपोरेशन से मांगी गई रिपोर्ट को जल्द से जल्द दाखिल कराने में सरकार हस्तक्षेप करें. उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव करीब देख अधिकांश विपक्षी पार्टियां 300 यूनिट तक बिजली बिल माफ और आधा करने की बातें कर रहे हैं. बिजली का चुनावी मुद्दा बनना तय है. प्रदेश सरकार के पास अब भी समय है कि राज्य के लोगों को सस्ती बिजली देकर एक सकारात्मक संदेश दे.

परिषद ने कहा है कि परिषद द्वारा नियामक आयोग में दाखिल बिजली दरें सस्ती करने की याचिका पर नियामक आयोग द्वारा मांगे गए जवाब को पावर कारपोरेशन देने में जान बूझकर विलंब कर रहा है. उन्होंने कहा है कि आयोग ने बीते 17 सितंबर को ही पावर कारपोरेशन से इस मामले में दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. पावर कारपोरेशन की तरफ से अभी तक इस मामले में जवाब नहीं दाखिल किया गया. उन्होंने बताया है कि आयोग में दाखिल याचिका में परिषद ने बिजली कंपनियों पर निकल रहे उपभोक्ताओं की 20596 करोड़ की भरपाई के लिए अगले पांच वर्षो तक बिजली दरें हर वर्ष 6.8 फीसदी करने की मांग की गई है.

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