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साइबर अपराधी घर बैठे खाली कर देंगे बैंक अकाउंट, डबल मुनाफा के फेर में फंसने से ऐसे बचें

दुनिया का इन दिनों शायद ही ऐसा कोई कोना बाकी बचा होगा जहां ऑनलाइन साइबर ठगों ने अपनी पैठ न बना ली हो. हद ये है कि इन साइबर ठगों के फेर में अमूमन या ज्यादातर वो ही लोग फंस रहे हैं जो पढ़े-लिखे और इंटरनेट पर सक्रिय हैं. कम-पढ़े लिखे चूंकि ऑनलाइन दुनिया से दूर हैं सो वो सब इन साइबर ठगों के निशाने पर आने से खुद-ब-खुद ही बचे रहते हैं. ये ठग आपके घर में बैठे-बैठे ही आपको कैसे फंसाकर आपके बैंक खाते की रकम अपने हवाले कर सकते हैं? तिकड़मबाज ऑनलाइन साइबर अपराधियों के एक ऐसे मामले को पकड़ा है यूपी के सहारनपुर जिला पुलिस के एंटी साइबर एक्सपर्ट्स ने.

पुलिस और पब्लिक को अलर्ट रहने की जरूरत

गुरुवार को सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आईपीएस आकाश तोमर ने बात करते हुए ऐसे ही गिरोह के बारे में खुलासा किया. ऑनलाइन साइबर अपराधियों द्वारा अंजाम दी गई इस घटना में हालांकि पुलिस ने पीड़िता की लाखों रुपए की रकम डूबने से बचा ली. ये वक्त रहते पीड़िता की ओर से पुलिस के पास पहुंच जाने, दूसरे पुलिस की तरफ से पीड़िता की शिकायत पर तुरंत अमल कर लिए जाने के चलते संभव हो सका, नहीं तो पीड़िता के बैंक खाते से 3 लाख 21 हजार 500 रुपए की रकम समझिए साइबर अपराधी उड़ा ही चुके थे.

SSP सहारनपुर आकाश तोमर ने आगे कहा कि सहारनपुर जिला साइबर क्राइम टीम के पास महिला शिकायतकर्ता पहुंची थी. शिकायत में बताया गया था कि पीड़िता को इंस्टाग्राम एक अनजान से लिंक मिला था, जिसमें कहा गया कि अगर वो (पीड़िता) उस भेजे गए लिंक को क्लिक करेगी तो उसके खाते में मौजूद रुपए कुछ ही देर में डबल हो जाएंगे. ऑनलाइन साइबर अपराधी पीड़िता से लंबी बात करते रहे. साथ ही उसे उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर भेजे गए लिंक पर जल्दी से जल्दी क्लिक करने का दबाव भी बनाते रहे.

अनजान से ऑनलाइन बातचीत करने से बचें

इसी बीच साइबर अपराधियों और उनकी कुत्सित मंशा से अंजान पीड़िता ने साइबर अपराधियों की तरफ से भेजे गए लिंक पर कब क्लिक कर दिया, इसका पता ही नहीं चला. जब तक पीड़िता का इंस्टाग्राम पर मौजूद ठगों से संपर्क कटा तब तक पता चला कि उस अनजान लिंक को क्लिक करते ही उसके बैंक खाते से 3 लाख 21 हजार 500 जैसी भारी भरकम रकम निकल चुकी थी. पीड़िता के घर बैठे-बैठे ही उसके बैंक खाते से लाखों रुपए निकल जाने की बात उसे जब पता चला तो उसको काठ मार गया. उसकी यही समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उसके बैंक खाते से कोई बिना उसकी मर्जी के आखिर इतनी बड़ी रकम कैसे निकाल सकता है, जबकि उसकी बैंक डिटेल किसी के पास हैं ही नहीं.

लिहाजा पीड़िता ने जिला साइबर क्राइम टीम से संपर्क साधा. तब इस बात का पता चला कि जिन अनजान लोगों ने उसे उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लिंक भेजकर उसे क्लिक कराया था, उस लिंक को क्लिक करते ही उन लोगों ने पीड़िता के बैंक खाते से लाखों रुपए निकाल लिए. वो ठग साइबर अपराधी थे, जो पीड़िता को एक ओर तो बातों में उलझाए रहे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने बातों ही बातों में रुपए दोगुना करने का झांसा देकर वो लिंक क्लिक करवा लिया. क्लिक करते हुए उन्होंने चंद सेकेंड में ही पीड़िता से करीब सवा तीन लाख रुपए घर बैठे ही हड़प लिए.

एक केस सुलझाने में लगाई गईं कई टीमें

ऐसे में वक्त रहते शिकायत मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सहायक पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी (सहारनपुर नगर) प्रीति यादव के निर्देशन में कई टीमें गठित कर दीं ताकि किसी भी कीमत पर पीड़िता के बैंक खाते से निकले रुपयों को किसी भी तरह से ऑनलाइन साइबर क्रिमिनल्स के हाथों में पहुंचने से बचाया जा सके. इन टीमों में सहारनपुर जिला साइबर क्राइम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार यादव, सब इंस्पेक्टर साबिर अली, गौरव तोमर, सिपाही ओमनाथ चौहान, रोहित कुमार, गौरव कुमार, अरुण कुमार, निशान्त तोमर और अमरदीप भारती को शामिल किया गया.

मामले को गंभीर मानते हुए सहारनपुर रेंज के डीआईजी डॉ. प्रीतिन्द्र सिंह ने लखनऊ पुलिस मुख्यालय में मौजूद अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम राम कुमार से भी मदद मांग ली. लिहाजा राज्य पुलिस साइबर क्राइम मुख्यालय ने पुलिस अधीक्षक और राज्य पुलिस में ऐसे साइबर अपराधों को सुलझाने में माहिर आईपीएस डॉ. त्रिवेणी सिंह की टीम को भी लगा दिया. इस बारे में बात करते हुए एसपी यूपी पुलिस साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह ने गुरुवार को बताया कि दरअसल पीड़िता वक्त रहते सहारनपुर जिला साइबर क्राइम टीम के पास पहुंच गई.

साइबर एक्सपर्ट पुलिस ने ऐसे ताड़ी अंदर की बात

एसपी यूपी पुलिस साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह ने कहा कि सहारनपुर जिला साइबर टीम से जानकारी मिलते ही हमारी टीमें काम पर लग गईं. हमने टीमों ने सबसे पहले ये पता किया कि पीड़िता के खाते से निकाली गई रकम मामले हमारे संज्ञान में लाए जाने के वक्त कहां तक पहुंची थी? हमारी टीमों को जैसे ही पता चला कि सहारनपुर की पीड़िता से झांसे में लेकर उसके बैंक खाते से साइबर अपराधियों की ओर से निकाल ली गई धनराशि फलां जगह पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में है तो हमने वहीं उस रकम को वापस कराकर उस पूरी रकम को पीड़िता के खाते में वापस करा दिया.

क्या कहते हैं यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट

यूपी पुलिस के सुपरिंटेंडेंट साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह ने कहा कि अगर इस तरह की जाने-अनजाने किसी से गलती हो जाए, तो जितना जल्दी हो सके तुरंत इलाका पुलिस या फिर साइबर क्राइम थाना पुलिस को सूचित करें. साथ ही कहा कि साइबर क्राइम ऑनलाइन फ्रॉड के पीड़ितों से पुलिस को शिकायत मिलने में जितनी देर होती है, पीड़ित के बैंक खाते से निकाली जा चुकी रकम उतनी ही देर में ठगों की पहुंच के और भी ज्यादा करीब पहुंचती जाती है. उन्होंने कहा कि साइबर पुलिस के पास जल्दी से जल्दी पहुंचने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि हम पीड़ित के बैंक खाते से निकाली जा चुकी रकम को तुरंत आगे बढ़ने से ब्लॉक करवा पाने में सक्षम होते हैं. भले ही एक बार को अपराधी क्यों न देर से पकड़े जाएं, मगर उन तक किसी की गाढ़ी कमाई आसानी या बिलकुल नहीं पहुंचने दी जाएगी.

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