इलाहाबाद HC के रिटायर्ड जज के खिलाफ CBI ने दायर की चार्जशीट, रिश्वत लेकर मेडिकल कॉलेज के पक्ष में फैसला देने का आरोप
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस नारायण शुक्ला और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. ये चार्जशीट लखनऊ स्थित प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़े न्यायिक भ्रष्टाचार की जांच में दायर की गई है. मामले से जुड़े लोगों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी.
ये चार्जशीट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिसोदिया की अदालत में इस सप्ताह की शुरुआत में दायर की गई थी. अदालत ने मामले को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया था. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि चार्जशीट में रिटायर्ड जस्टिस शुक्ला और अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए गए हैं.
पिछले साल जुलाई में रिटायर्ड हुए जस्टिस शुक्ला पर लखनऊ स्थित मेडिकल कॉलेज के पक्ष में एक आदेश देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है, जिसे मई 2017 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया था. जस्टिस शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज को फायदा पहुंचाया और 2017-18 बैच के छात्रों की एडमिशन की डेडलाइन गलत तरीके से बढ़ाई जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नियमों का उल्लंघन है.
पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने दिए थे जांच के आदेश
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह की एक शिकायत पर न्यायिक कदाचार का आरोप लगाते हुए शुक्ला के खिलाफ जांच का आदेश दिया था. तत्कालीन मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी, तत्कालीन सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एसके अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीके जायसवाल की तीन सदस्यीय समिति ने शुक्ला को जनवरी 2018 में न्यायिक अनियमितताओं का दोषी पाया जिसके बाद राष्ट्रपति को महाभियोग की सिफारिश की गई थी.
इसके बाद सीबीआई ने जस्टिस शुक्ला पर केस दर्ज करने के लिए सीजेआई को पत्र लिखा था. सीबीआई ने इस पत्र में कहा था कि पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा की सलाह पर एजेंसी ने जस्टिस शुक्ला के खिलाफ एक जांच बिठाई थी. ये पत्र मिलने के बाद पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने सीबीआई को जस्टिस शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज करने की इजाजत दी थी. गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर शुक्ला को हटाने की सिफारिश की थी. हालांकि शुक्ला जुलाई 2020 में रिटायर्ड हो गए.