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यूपी चुनाव से पहले ब्राह्मण वोटर्स को लुभाने की रणनीति पर BJP की बैठक, धर्मेंद्र प्रधान के घर जुटे करीब 25 नेता

अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के साथ दिल्ली में एक अहम बैठक की. बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ब्राह्मणों की नाराजगी को लेकर विपक्ष के द्वारा अफवाह और दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है.

सूत्रों के अनुसार, बैठक में शामिल हुए नेताओं को इस बात पर खास ध्यान देने को कहा गया कि अपने इलाके में प्रबुद्ध और प्रभावशाली ब्राह्मणों की तलाश करें और उनसे मिलकर यह जानने की कोशिश करें कि उनकी परेशानी क्या है. ऐसे लोगों से चाय पर चर्चा की जाए और उनकी परेशानी को दूर किया जाए. नेताओं ने बैठक में यह कहा कि सरकार के स्तर पर ऐसा कुछ नहीं है जैसा विपक्ष इसे फैला रहा है.

शर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा ब्राह्मणों का सम्मान अगर कहीं है तो वह भारतीय जनता पार्टी में है. उन्होंने कहा, “बड़ी संख्या में ब्राह्मण हमारे मंत्री हैं. बड़ी संख्या में सब लोग काम कर रहे हैं और बीजेपी जाति की राजनीति नहीं करती है. हम लोग विकास की राजनीति करते हैं. पंक्ति में जो व्यक्ति पीछे खड़ा है, उसका उत्थान कैसे हो उसकी राजनीति. विरोधी दल के पास कुछ कहने के लिए नहीं है, तो बीजेपी के खिलाफ एक परसेप्शन बनाने की कोशिश की जा रही है.”

विपक्ष के पास कोई और मुद्दा नहीं- शर्मा

उन्होंने कहा, “विपक्षी दलों की यह परसेप्शन बनाने की कोशिश कामयाब नहीं होगी, क्योंकि उनके पास कोई और मुद्दा ही नहीं है. वह सीधे सीधे बीजेपी से लड़ नहीं सकते क्योंकि विकास की पूछ पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव मैदान में है और वे विकास पर क्लीन बोल्ड हो चुके हैं.” इस बैठक में करीब 25 ब्राह्मण नेता शामिल हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, डॉ महेश शर्मा, ब्रजेश पाठक, जितेन प्रसाद, सुधांशु त्रिवेदी, रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी और लक्ष्मीकांत बाजपेयी और अन्य नेता उपस्थित थे.

प्रशासनिक चूक की वजह से नाराजगी?

बैठक में कुछ नेताओं ने यह माना कि प्रशासनिक चूक की वजह से स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में ब्राह्मणों के बीच नाराजगी है. मसलन किसी जिले के पुलिस कप्तान, जिलाधिकारी या थाने के स्तर पर जिस तरह से सुनवाई होनी चाहिए, वह नहीं हो रही है. यह नाराजगी की एक बड़ी वजह हो सकती है.

बैठक के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि अयोध्या और काशी कॉरीडोर के मुद्दों को जनमानस तक पहुंचाया जाए. साथ ही लव जिहाद, सवर्णों को आरक्षण जैसै मुद्दों को भी लोगों को मिलकर बताया और समझाया जाए. इसे महज एक संयोग कहा जाए या फिर कुछ और, जिस वक्त धर्मेन्द्र प्रधान के घर यह बैठक शुरू हुई, उसी समय राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा भी पहुंचे और बैठक खत्म होने के बाद गए.

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