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चरणजीत सिंह चन्नी ही क्यों बनाए गए पंजाब के मुख्यमंत्री, जानिए कांग्रेस ने एक तीर से साधे कितने निशाने?

पंजाब में पिछले कई महीनों से सियासी तूफान चल रहा था. कांग्रेस लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह और मौजूदा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश में जुटी हुई थी. दरअसल, पंजाब कांग्रेस की कमान सिद्धू के हाथ में सौंपे जाने के बाद से ही अमरिंदर सिंह पार्टी से बेहद खफा नजर आए और आखिरकार उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से सभी की उम्मीदें इस बात को लेकर लगी हुई थीं कि सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा क्योंकि प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं और पार्टी किस चेहरे को अहमियत देती है?

मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए पंजाब से लेकर दिल्ली तक मंथन किया गया और रविवार की शाम होते-होते प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर बता दिया कि अगले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी होंगे. उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं. वह रामदसिया सिख समुदाय से आते हैं. यही वजह रही है कि चन्नी के पक्ष में फैसला गया है क्योंकि कांग्रेस प्रदेश में सिख समुदाय को नाखुश करना नहीं चाहती थी. चन्नी दूसरे ऐसे कांग्रेस के दलित है, जिन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया जा रहा है. इससे पहले राजस्थान में जगन्नाथ पहाड़िया मुख्यमंत्री बनाए गए थे. चन्नी प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के मंत्री रहे हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए एक सिख चेहरा महत्वपूर्ण है. यहां कभी कोई गैर-सिख मुख्यमंत्री नहीं रहा. राज्य के शीर्ष पद को संभालने के लिए यह भी महत्वपूर्ण हो गया था कि नवजोत सिंह सिद्धू के साथ तालमेल भी बैठाया जाए और संगठन को साथ लेकर चला जाए. इस मामले में चन्नी खरे उतर रहे थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि सुखजिंदर सिंह रंधावा के मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को लेकर सिद्धू बहुत खुश नहीं थे, जिसके बाद दोबारा मंथन किया गया.

राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं चरणजीत सिंह चन्नी

बताया जाता है कि चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं और भरोसेमंद भी माने जाते हैं. वह कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे हैं. मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम को आगे लाकर कांग्रेस ने बीजेपी, अकाली दल, बीएसपी और आम आदमी पार्टी की रणनीति पर पानी फेरने की भी कोशिश की है क्योंकि देश में सबसे ज्यादा दलित वोट पंजाब में हैं. यहां करीब 35 फीसदी दलित वोट हैं और करीब 34 विधानसभा सीट पर इनका प्रभाव दिखाई देता है. साथ ही साथ मुख्यमंत्री का दलित चेहरा होने से इसका असर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी दिखाई दे सकता है.

चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब सीट से तीसरी बार चुने गए कांग्रेस विधायक

चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब सीट से तीसरी बार कांग्रेस विधायक बने. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चरनजीत सिंह को 12308 वोटों से मात दी थी. चन्नी को 61060 वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी के चरनजीत को 48752 वोट मिले थे. उन्होंने चकमौर साहिब सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था. इससे पहले 2012 के चुनावों में करीब 3600 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. वह 2015 से 2016 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं. चरनजीत सिंह चन्नी मूलरूप से खरड़ के गांव बजौली के रहने वाले हैं.

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